हेल्प लाइन नंबर 1930 पर शिकायत: तो ऐसे होती कार्रवाई
1. गोल्डन आवर्स में पैसा मिलने की उम्मीद: राजस्थान में 1930 नंबर डायल करने पर जयपुर कमिश्नरेट व रेंज हेडक्वार्टर में कॉल टेकर रिसीव करता है, ठगी होने के बाद एक से दो घंटे के अंदर शिकायत की जाए तो रकम रिकवर होने की अधिक उम्मीद रहती है5. फिर गुमराह हो जाते पीड़ित: ठग रकम को बैंक खातों से निकाल ले या फिर फ्रीज कर दे इसके बाद ठगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पोर्टल के जरिए शिकायत संबंधित थाने को ऑनलाइन भेज दी जाती है। उधर, थाना पुलिस एफआइआर दर्ज करने की बजाय शिकायत का प्रिंट पीड़ित को देकर रिपोर्ट होना बता देती है। जबकि पुलिस को एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए, जो कुछेक मामलों में ही की जाती है। राजस्थान में पौने दो वर्ष में हेल्पलाइन नंबर पर 87501 ठगी की शिकायत दर्ज करवाई गई और इसमें 349 करोड़ रुपए ठगी होना बताया गया। जबकि पुलिस ने 6615 एफआइआर ही दर्ज की।
पत्रिका रक्षा कवच: साइबर अपराध से ऐसे बचें
सेक्सटॉर्शन: ठगी के लिए अनजान नंबर से अधिकांश वीडियो कॉल देर रात या फिर अलसुबह आते हैं। यह वह समय होता जब आप उनींदे होते हैं। स्क्रीन पर महिला का अश्लील वीडियो होता है और आप उसे कुछ पल के लिए देखते हैं या फिर उसके कहे अनुसार करते हैं। उस दौरान अश्लील वीडियो के साथ ठग गिरोह आपकी हरकतों को वीडियो में रिकॉर्ड कर लेता है। इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेलिंग-धमकी का खेल।साइबर ठगों के मकड़जाल में फंस चुके अफसर से लेकर मंत्री तक, लगाई लाखों-करोड़ों की चपत
ये मामले आए सामने
राजस्थान में गत तीन वर्ष में सेक्सटॉर्शन के 710 प्रकरण दर्ज करवाए जा चुके। इस अवधि में पीड़ितों से ठग 4 करोड़ 26 लाख रुपए से अधिक की रकम वसूल चुके। मध्य प्रदेश से डराने वाली तस्वीर सामने आ रही है। मध्य प्रदेश में इस साल ही 1171 सेक्सटॉर्शन के मामले सामने आ चुके हैं।राजस्थान में पुलिस से बचने के लिए ठगों का अनोखा तरीका, 5 से 8 लाख में खरीद रहे बैंक खाते
शिकायत दर्ज करना खानापूर्ति के समान
अपराध हुआ है तो उसकी एफआइआर दर्ज की जानी चाहिए। पुलिस एफआइआर दर्ज कर अपराध करने वालों की जड़ तक पहुंचे। इससे अपराध करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके और पीड़ित को न्याय मिल सके। शिकायत दर्ज करना खानापूर्ति के समान है।–बी.एस. चौहान, अधिवक्ता