scriptRajasthan News: मरीज के परिजन अस्पताल फोन कर पूछ रहे, साहब… चिरंजीवी में इलाज मिलेगा या नहीं | Patient Asking For Free Treatment Of Rajasthan Government’s Mukhyamantri Chiranjeevi Swasthya Yojana Scheme | Patrika News
जयपुर

Rajasthan News: मरीज के परिजन अस्पताल फोन कर पूछ रहे, साहब… चिरंजीवी में इलाज मिलेगा या नहीं

जयपुर के कई निजी अस्पतालों में चिरंजीवी योजना के तहत मरीज का उपचार नहीं किया जा रहा है। इस कारण सरकारी अस्पतालों पर 20 से 25 फीसदी भार बढ़ गया है।

जयपुरDec 20, 2023 / 10:09 am

Santosh Trivedi

sms_hospital_jaipur.jpg

पत्रिका न्यूज नेटवर्क/जयपुर। जयपुर के कई निजी अस्पतालों में चिरंजीवी योजना के तहत मरीज का उपचार नहीं किया जा रहा है। इस कारण सरकारी अस्पतालों पर 20 से 25 फीसदी भार बढ़ गया है। जिन मरीजों को सरकारी अस्पताल लाया जा रहा है, वे कैंसर, हार्ट, किडनी, लिवर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है। सरकारी अस्पतालों में सर्वाधिक मरीज सर्जरी के लिए भर्ती हो रहे हैं। सवाईमानसिंह अस्पताल, जयपुरिया, जेके लोन समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में इन दिनों ऐसे ही हालात देखे जा रहे हैं।


दरअसल, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर सरकार, निजी अस्पताल संचालकों में व्याप्त संशय को अभी तक दूर नहीं कर पायी है। इस वजह से कई निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत उपचार बंद कर दिया गया है। गंभीर हालत में पहुंचने पर भी मरीज को एसएमएस या अन्य सरकारी अस्पताल में रैफर किया जा रहा है। जहां पर मरीज को बेड, आईसीयू के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। इस असमंजस से न केवल मरीज व उनके परिजन परेशान हैं, बल्कि इलाज में भी देरी हो रही है। पड़ताल में सामने आया कि, कई लोग अस्पताल जाने से पहले निजी अस्पतालों में फोन लगाकर पूछ रहे हैं कि… चिरंजीवी योजना के तहत इलाज मिलेगा या नहीं।


नजर आए ये हालात…
– एसएमएस अस्पताल: इमरजेंसी में हार्ट, ब्रेन स्ट्रोक, कैंसर रोगियों को गंभीर हालत में भर्ती कराया जा रहा है। गत दिनों की तुलना में इनकी संख्या दस से पंद्रह फीसदी बढ़ गई है। ओपीडी मरीजों की संख्या 11 हजार से बढ़कर 13 हजार पहुंच गई है। सर्जरी के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। इधर, ट्रोमा सेंटर, चरक भवन में भी ऐसे ही हालात हैं।


– एसएमएस सुपर स्पेशलिटी: यहां नए मरीजों की संख्या 20 से 25 फीसदी तक बढ़ी है। लिवर, किडनी के मरीज गंभीर हालत में लाए जा रहे हैं। डायलिसिस करवाने वाले मरीजों की संख्या अमूमन 45 से 50 तक रहती थी, जो महज तीन दिन में बढ़कर 65 तक पहुंच गई है। यह संख्या अब तक की सर्वाधिक है। चिकित्सकों से बातचीत में पता चला कि कई मरीज निजी अस्पतालों में चक्कर लगाने के बाद यहां गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें

राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी, 31 दिसम्बर तक करवा लें ये काम


– जयपुरिया अस्पताल: ओपीडी 2800 से बढ़कर 3300, आईपीडी मरीजों की संख्या भी 220 से बढ़कर 280 हो गई है। सर्जरी के लिए वेटिंग मिल रही है। रोजाना 5 से 8 सर्जरी होती थी, जो तीन दिन में 15 तक पहुंच गई है। मेडिसिन, ईएनटी विभाग की ओपीडी भी बढ़ रही है।


जेके लोन अस्पताल: ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी में मरीजों की संख्या 15 से 20 फीसदी बढ़ी है। मौसमी बीमारियों के अलावा सर्जरी के लिए आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। इधर, गणगौरी, कांवटिया अस्पताल, जनाना और महिला चिकित्सालय समेत सैटेलाइट अस्पतालों में भी ऐसी ही स्थिति है।


यह भी पढ़ें

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बनाई चाय, अचानक CM को देख आश्चर्यचकित रह गए लोग

Hindi News / Jaipur / Rajasthan News: मरीज के परिजन अस्पताल फोन कर पूछ रहे, साहब… चिरंजीवी में इलाज मिलेगा या नहीं

ट्रेंडिंग वीडियो