251 दिन से जेल में बंद हैं बाबूलाल कटारा, फिर भी आरपीएससी सदस्य पद पर काबिज
वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में बाबूलाल कटारा 251 दिन से जेल में है। इसके बावजूद वह आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) के सदस्य जैसे संवैधानिक पद पर काबिज है।
ओमप्रकाश शर्मा वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में बाबूलाल कटारा 251 दिन से जेल में है। इसके बावजूद वह आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) के सदस्य जैसे संवैधानिक पद पर काबिज है। भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव जीतने वाली भाजपा के सामने अब चुनौती है कि कटारा को बर्खास्त करने की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाए। कटारा ने 24 दिसम्बर 2022 को होने वाली वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा का पेपर अक्टूबर में ही लीक कर दिया था। कटारा के पास विशेषज्ञों से पेपर सैट कराने की जिम्मेदारी थी।
पेपर तैयार होते ही वह सभी सैट की मूल प्रति अपने सरकारी आवास पर ले गया। वहां उसके भांजे विजय डामोर से सभी सवाल उतरवा लिए। सवाल उतरवाने के बाद उसने प्रींटिंग के लिए पेपर कार्यालय में जमा करा दिया। विजय के लिखे पर्चे की फोटो पेपल लीक गिरोह के शेर सिंह ने मोबाइल में ली थी, जिसके बाद पर्चा कई आरोपियों तक पहुंचा। एसओजी ने कटारा को 18 अप्रेल को गिरफ्तार किया था। वह तभी से न्यायिक हिरासत में है। एसओजी ने कटारा को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ पहले ईडी ने जेल में उससे पूछताछ के बाद उसकी सम्पत्ति अटैच की। उसके साथ उसके भांजे व कुछ अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की गई। एसीबी ने बाबूलाल कटारा के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति जुटाने की एफआईआर दर्ज की है। एसीबी ने पड़ताल में माना कि कटारा ने आय से दो करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति अर्जित की है। पेपर लीक मामले में एसओजी कटारा सहित करीब 65 आरोपी गिरफ्तार कर चुकी है। मुख्य आरोपी सुरेश ढाका फरार है।
यहां अटकी है कार्रवाई कटारा अप्रेल से जेल में है। एसओजी की ओर से जून में चालान पेश करने के बाद राज्य सरकार अगस्त में उसे बर्खास्त करने के लिए रेफरेंस राज्यपाल को भेजा। राज्यपाल के यहां से रेफरेंस राष्ट्रपति को भेजने की प्रक्रिया अभी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
बर्खास्त करने की यह रहती है प्रक्रिया राज्य सरकार सदस्य को हटाने के लिए राज्यपाल के माध्यम से रेफरेंस बनाकर राष्ट्रपति को भेजती है। राष्ट्रपति उसे सुप्रीम कोर्ट के जज को भेजते हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज उसको रिकमंड करते हैं, जिसके बाद ही आरपीएससी सदस्य को हटाने के आदेश जारी होते हैं।
सरकारी बंगले पर चस्पा है ईडी का नोटिस आरपीएससी सदस्य के रूप में कटारा को सरकारी बंगला मिला हुआ था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पहले एसओजी और फिर ईडी ने सर्च किया। यहां ईडी का नोटिस चस्पा किया हुआ है।