परिंदों के लिए उड़ान का हक
शासन सचिव पशुपालन विभाग, डॉ. समित शर्मा ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, “आसमान में उड़ने का पहला अधिकार परिंदों का है। हमें उनकी आज़ादी में बाधा नहीं बनना चाहिए।” उन्होंने यह भी अपील की कि पतंगबाजी के दौरान सुबह और शाम के समय, जब परिंदे अपनी उड़ान भरते हैं, पतंगबाजी से परहेज करें।
संजीवनी बनेगा ‘ऑपरेशन फ्री स्काई’
‘ऑपरेशन फ्री स्काई’ के तहत एक विशेष पोस्टर का विमोचन किया गया है, जिसमें इस मुहिम के उद्देश्यों और अपीलों को दर्शाया गया है। राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के सदस्य मनीष सक्सेना ने बताया कि हर साल मकर संक्रांति पर हजारों परिंदे पतंगों की डोर में फंसकर घायल हो जाते हैं और उनकी उचित चिकित्सा के अभाव में मृत्यु हो जाती है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि घायल परिंदों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएं।
घायल परिंदों के लिए विशेष इंतजाम
पशुपालन विभाग और वर्ल्ड संगठन ने मिलकर शहर में विभिन्न क्षेत्रीय बर्ड रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए हैं। पशुचिकित्सक और पक्षी मित्र इन केंद्रों पर अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। इसके अलावा, ‘मोबाइल यूनिट’ भी गठित की गई है जो मौके पर जाकर घायल पक्षियों का इलाज करेगी।
समर्पित सेवाएं
डॉ. जितेंद्र राजोरिया ने बताया कि मोबाइल यूनिट में वरिष्ठ पशुचिकित्सक डॉ. प्रदीप सोठवाल और उनकी टीम घायल पक्षियों की देखभाल करेंगे। यह टीम मकर संक्रांति के दौरान शहर में चौकसी रखेगी और किसी भी घायल परिंदे को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी।
शहरवासियों से अपील
जयपुर के नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं। घायल पक्षी दिखने पर उन्हें तुरंत क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय में ले जाकर उपचार दिलवाएं। इस मकर संक्रांति पर, ‘ऑपरेशन फ्री स्काई’ के माध्यम से परिंदों को उनकी उड़ान की आज़ादी देने की यह एक कोशिश है। आसमान में उड़ते परिंदों की खुशी और उनकी स्वतंत्रता की रक्षा करना हर इंसान का कर्तव्य है। आइए, हम सब मिलकर इस अभियान को सफल बनाएं और परिंदों को उनके आसमान में सुरक्षित उड़ने का हक लौटाएं।