सर्व पितृ अमावस्या के बाद नवरात्र स्थापना
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जिन लोगों की मृत्यु तिथि याद न हो सर्वपितृ अमावस्या पर उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है। कहते हैं इससे सद्गति प्राप्त होती है। इस दिन साल का दूसरा सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। इसके अगले दिन से नवरात्र स्थापना होगी। नौ दिनों तक देवी की आराधना होगी। दसवें दिन विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा।आएगा दीपों का पर्व
20 अक्टूबर को अखंड सुहाग की कामना से किए जाने वाला करवा चौथ व्रत आएगा। इस दिन महिलाएं निर्जल व निराहार रहकर व्रत करेंगी और रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलेंगी। वहीं 29 अक्टूबर से दीपोत्सव का आगाज धनतेरस के साथ हो जाएगा। वहीं, 30 को रूप चतुर्दशी मनाई जाएगी। वहीं तिथियों में टूटने के कारण दिवाली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को मनाई जाएगी।अक्टूबर में व्रत और त्योहार
02 अक्टूबर – अश्विन अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या, गांधी जयंती, सूर्य ग्रहण 03 अक्टूबर : शारदीय नवरात्र और घट स्थापना, मां शैलपुत्री की पूजा 11 अक्टूबर – दुर्गा महा नवमी पूजा और दुर्गा महा अष्टमी पूजा, संधि पूजा12 अक्टूबर– शरद नवरात्रि का पारण, दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी
13 अक्टूबर – पापांकशा एकादशी
20 अक्टूबर– करवा चौथ व्रत 24 अक्टूबर– अहोई अष्टमी, राधा कुंड स्नान 28 अक्टूबर- रमा एकादशी 29 अक्टूबर – धनतेरस, यम दीपम, और प्रदोष व्रत (कृष्ण)