तरूण जैन को रेलवे में उनके नवाचार और मानवीय पहलू के कारण विशेष रूप से जाना जाता है। जैन उस समय सुर्खियों में आए थे जब कोरोना लॉकडाउन के दौरान तीन साल के एक विशेष बच्चे को 20 लीटर ऊंट का दूध पहुंचाने के लिए उन्होंने न केवल पूरी पार्सल ट्रेन रोक दी थी बल्कि दूध पहुंचाने का भी इंतजाम किया था। इस बच्चे की बीमारी ऐसी थी कि दूध ही उसके दवा के रूप में काम करती थी।
1993 बैच के आईआरटीएस अधिकारी तरूण जैन उत्तर पश्चिम रेलवे में ही डीजीएम और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के पद पर कार्य कर चुके हैं। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी के रूप में वह उत्तर पश्चिम रेलवे के सबसे लंबा कार्यकाल का रिकार्ड स्थापित किया। इसके अलावा कानकोर, सीनियर डीओएम जोधपुर सहित कई अन्य पदों पर कार्य कर चुके हैं।