राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. विनोद कुमार गर्ग ने बताया कि अभियान के तहत क्षय मुक्त पंचायतके लक्ष्य के लिए प्रत्येक टीबी यूनिट पर 5 ग्राम पंचायत,वार्ड चिन्ह्ति किए जाएंगे। स्थानीय स्तर पर 10 से 12 सदस्यों की टीम का गठन किया जाएगा। जिसमें सरपंच, उप सरपंच, पंचायत सचिव, चिकित्सा अधिकारी, टीबी चैम्पियन, सीएचओ, एएनएम, आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ता, सरकारी शिक्षक, धार्मिक ग्रुप,स्वयं सेवी संस्था व अन्य सदस्य रहेंगे। जो अभियान का हिस्सा बनेंगे।
वहीं क्षय मुक्त पंचायत अभियान की सफल बनाने के लिए पंचायती राज विभाग व उनके चयनित सदस्य, जनप्रतिनिधियां की भूमिका भी तय की गई हैं। जो टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरुक कर इसके निदान और उपचार के लिए टीबी रोगियों का पता लगाकर उन्हें उपचार दिलवाएंगे और उनके परिवारों की सहायता करेंगे।
डॉ.गर्ग ने बताया कि सही समय पर दी गई सही दवा की सही खुराक के साथ ही टीबी का इलाज पूर्णतया संभव है। एक टीबी रोगी कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए इस अभियान से गांव गांव में रोगियों का पता लगाकर उन्हें रोगमुक्त करना लक्ष्श् रखा गया है।