अंजुम हसन का नया उपन्यास ‘हिस्ट्रीज़ एंजल’ दिल्ली में एक मुस्लिम स्कूल शिक्षक और उसके परिवार के जीवन और चिंताओं के बारे में है – जो 2019 में नागरिकता बिल के विरोध प्रदर्शन पर आधारित है। इसमें मुख्य पात्र का नाम अलिफ़ है, जो 20 वर्षों से अधिक समय तक एक ही निजी स्कूल में इतिहास पढ़ाया है। इतिहास पढ़ाने के प्रति उसका उत्साह ऐसा है कि समय-समय पर, वह अपने विद्यार्थियों को बाहर ले जाता है, उन्हें ऐतिहासिक अवशेषों को दिखाता है। ऐसा ही एक दिन शिक्षक हुमायूँ का मकबरा जाता है, और वह इसके विशेषता को बताते हैं, तभी जब एक छात्र अंकित, जो हुमायूँ के मकबरे को हनुमान का मंदिर समझता है, अलीफ से पूछकर अपनी घृणा दिखाता है। आगे पुस्तक इसी पृष्ठभूमि पर आगे बढ़ती जाती है।
अंजुम हसन कई काल्पनिक कृतियों के लेखक हैं जिन्हें साहित्य अकादमी, हिंदू बेस्ट फिक्शन और क्रॉसवर्ड फिक्शन पुरस्कारों के लिए चुना गया है। उनकी पुस्तक, ‘ए डे इन द लाइफ’ ने वैली ऑफ वर्ड्स फिक्शन अवार्ड 2019 जीता। वह वर्तमान में न्यू इंडिया फाउंडेशन फेलो हैं। उनका जन्म 1972 में शिलांग , मेघालय में हुआ था , जहां उन्होंने नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र में स्नातक किया ।