इस संबंध में नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी से जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस सतर्क हो गई है। दिल्ली के दरियागंज में रहकर हवाला का कारोबार करने वाले सलीम उर्फ मामा के कुचामन सिटी से कनेक्शन का पुख्ता सबूत मिला है। सलीम पर मुम्बई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद को फंडिंग करने का आरोप है।
बताया जा रहा है कि एनआईए की टीम भी जांच करने कुचामन आ सकती है। हालांकि, पुलिस इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से बच रही है। एसपी हरेंद्र कुमार का कहना है कि कुचामन थानाधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। सबूत मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि 25 सितंबर को एनआईए ने दिल्ली में कई जगहों पर छापे मारे थे। ये फाउंडेशन पाक के आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात उद दावा और लश्कर ए तैयबा का ही हिस्सा है। आतंकी फंडिंग से जुड़े तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही उनके पास से करोड़ों रुपये की देशी और विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई थी। यह रैकेट लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के तहत चलाया जा रहा था। फलाह-ए-इंसानियत को अमरीका ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
कुछ महिने पहले मिली थी जानकारी
एनआइए के मुताबिक भारत में आतंक फंडिंग के लिए फलाह-ए-इंसानियत के नेटवर्क के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी कुछ महीने पहले मिली थी। इसके आधार पर इस साल जुलाई में एनआइए में एफआइआर भी दर्ज की गई थी। जांच में पता चला कि निजामुद्दीन में रहने वाला मोहम्मद सलमान यूएई में रहने वाले फलाह-ए-इंसानियत के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी के संपर्क में था। पाक नागरिक एफआईएफ के उप प्रमुख से जुड़ा था। एफआईएफ प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सहयोगी संगठन है।
एनआईए ने 25 सितंबर को निजामुद्दीन में मोहम्मद सलमान, दरियागंज निवासी मोहम्मद सलीम (हवाला संचालक) और कूचा घासीराम निवासी राजाराम के ठिकानों पर तलाशी ली और 1.56 करोड़ रुपये नकद, 43 हजार रुपये मूल्य की नेपाली मुद्रा, 14 मोबाइल फोन, पांच पैन ड्राइव और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये।