स्टाफिंग पुननिर्धारण की इस प्रक्रिया में प्रारंभिक शिक्षा के वरिष्ठ अध्यापक/ हेड टीचर के पदों में 121, शिक्षक लेवल टू के 1927, शिक्षक लेवल वन के 5736, शारीरिक शिक्षक ग्रेड 3 में 2232 पद बढ़ गए हैं। इस 10 हजार से अधिक पदों से विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
गौरतलब है कि स्टाफिंग पैटर्न 2016 में शारीरिक शिक्षा अध्यापक का पद 120 से अधिक नामांकन वाले उच्च प्राथमिक स्कूलों में आवंटित किया गया था। इसके बाद स्टाफिंग पैटर्न 2019 में इस नामांकन की सीमा को कम 105 कर दिया गया था जिसे मंगलवार यानी 28 दिसंबर 2021 को किए गए स्टाफिंग पैटर्न में यथावत 105 ही रखा गया है। इससे शारीरिक और स्वास्थ्य शिक्षा का शिक्षण प्राथमिक स्तर पर संवर्धित हो सकेगा।
स्टाफिंग पैटर्न के तहत पदों के पुननिर्धारण के बाद पूरे प्रदेश में लगभग 2400 शिक्षक अधिशेष होंगे जिनका समायोजन भी उनके वर्तमान पदस्थापन के पास उसी ग्राम पंचायत और ब्लॉक में किया जाएगा जिससे जरूरत वाले अन्य स्कूलों को भी शैक्षणिक कार्मिक मिल सकेंगे।
स्टापिंग पैटर्न की खास बातें
: सरकारी स्कूलों में 0 से 60 नामांकन तक 2 अध्यापक होंगे
: लेवल वन में 61 से 90 छात्र होने पर स्कूलों में 3 अध्यापक होंगे
: लेवल वन में 91 से 120 छात्रों पर 4 अध्यापक होंगे
: लेवल वन में 121 से 200 के नामांकन पर 5 अध्यापक होंगे
: लेवल वन में 150 से अधिक नामांकन पर एक हेड मास्टर की नियुक्ति की जाएगी
: 200 से अधिक स्टूडेंट्स का नामांकन होने पर प्रत्येक 40 छात्र पर एक अतिरिक्त लेवल वन अध्यापक की पोस्टिंग की जायेगी
डॉ. कल्ला ने दावा किया कि यदि किसी स्कूल में तृतीय भाषा के 10 विद्यार्थी होंगे तो वहां पर एक टीचर की नियुक्ति होगी। पंजाबी, गुजराती, संस्कृत और सिंधी जैसी भाषा पढऩे वाले स्टूडेंट्स को शिक्षकों की कमी महसूस नही होने दी जाएगी।
महात्मा गांधी स्कूलों से शैक्षिक क्रांति आई
इस दौरान डॉ. कल्ला ने कहा कि महात्मा गांधी स्कूलों के जरिए गहलोत सरकार की ओर से शिक्षा में किये गये नवाचारों से प्रदेश में शैक्षिक क्रांति आई हैण् लोग मिशनरी और कॉन्वेंट स्कूलों को भूल अब सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। मंत्रियों तक के पास सिफारिश के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। जिससे पता चलता है कि सरकार ने जनता के काम पर मुहर लगा दी है।