सैनिक स्कूल को सेना का एंट्री गेट भी कहा जाता है। यह ही वजह है कि डिफेंस बैकग्राउंड और सेना को थोड़ा सा भी नजदीक से जानने और जाने की दिलचस्पी रखने वाले लोगों की पहली पसंद सैनिक स्कूल होते हैं। लेकिन यह पसंद ऐसे ही नहीं बनती है। जानकार बताते हैं कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह सैनिक स्कूल का रिजल्ट है। देश को चार सेनाध्यक्ष देने का कीर्तिमान सैनिक स्कूल के नाम है। आर्मी में कर्नल-ब्रिगेडियर, एयर फोर्स में विंग कमांडर-ग्रुप कैप्टन और नेवी में कमांडर-रियर एडमिरल के रैंक तक जाने वाले सैनिक स्कूल के छात्रों की संख्या सैंकड़ों में है।इतना ही नहीं देश को 7 आईएएस और आईपीएस भी सैनिक स्कूल ने दिए हैं. ये ही वजह है कि सैनिक स्कूल में एडमिशन कराने के लिए अभिभावक 2-2 साल पहले से ही अपने बच्चे को तैयारी कराना शुरु कर देते हैं।