ओम बिड़ला ने 17 साल की उम्र मेें राजनीतिक सफर की शुरूआत की। इसके चलते बिड़ला को भाजपा ने 2014 में प्रत्याशी बनाया था। 2003 में पहला चुनाव लड़ा और हाड़ौती के कद्दावर नेता शांति धारीवाल को शिकस्त दी। इसके बाद साल 2008 और 2013 में लगातार जीत हासिल कर चुनाव में दमखम दिखाया। बिड़ला दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। अब तक पांच चुनाव लड़े और पांचों ही जीते हैं। इससे पहले कोटा दक्षिण से लगातार तीन बार विधायक और एक बार राज्य सरकार में संसदीय सचिव रहे। बिड़ला ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव में साढ़े तीन लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की। हड़ौती संभाग बीजेपी का गढ़ रहा है, जहां से लोकसभा चुनाव में कोटा-बूंदी लोकसभा क्षेत्र से अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के रामनारायण मीणा को हराया।
लोकसभा का अध्यक्ष संसद के निम्न सदन (लोक सभा) का सभापति होता है। श्री जी.वी. मावलंकर लोकसभा के पहले लोकसभा अध्यक्ष थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इंदौर से8 बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया था। राजनयिक से राजनेता बनने वालीम मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष (स्पीकर) बनीं।