New Criminal Laws: लागू होने जा रहे हैं नए आपराधिक कानून, जानें क्या हो रहे 10 बड़े बदलाव?
New Criminal Laws: एफआईआर के लिए अब पुलिस थाने में जाकर बहस करने की जरूरत नहीं होगी, आप घर बैठे ही व्हाट्सएप, टेलीग्राम या ई- मेल के जरिए भी एफआईआर दर्ज करा सकेंगे।
New Criminal Laws: 1 जुलाई से भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस प्रभावी हो जायेगी। इसी तरह से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी की जगह ले लेगा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी बीएनएसएस और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (आईईए) की जगह ले लेगा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)। अब एफआईआर को लेकर कई स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं, तो कुछ पुराने प्रावधानों को भी मजबूत बनाया है।
एफआईआर के लिए अब पुलिस थाने में जाकर बहस करने की जरूरत नहीं होगी, आप घर बैठे ही व्हाट्सएप, टेलीग्राम या ई- मेल के जरिए भी एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। इसी तरह अब थाने से यह कहकर भी आपको टरका सकेगा कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए संबंधित थाने में ही जाइए। नए कानून में जीरो एफआईआर का प्रावधान जोड़कर क्षेत्राधिकार की चिंता बिना किसी भी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा सकेंगे।
जेल में भीड़ होगी कम, कम्युनिटी सर्विस की सजा
पहली बार ‘कम्युनिटी सर्विस’ को दंड के रूप में बीएनएस की धारा 4 में शामिल किया है, ताकि जेलों की भीड़ कम हो। इसमें 6 छोटे अपराधों के लिए प्रावधान किया है, जैसे 5 हजार रुपए तक की चोरी में वस्तु लौटा देने पर, शराबी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक स्थानों में उत्पात आदि।