छात्र की सफलता से परिवार व गुरुजनों में खुशी का माहौल बन गया। छात्र के पिता दुकानदार है। छात्र सैनी ने बताया कि वह प्रतिदिन आठ घंटे रोज पढाई करता था। साथ दुकान पर पिता का हाथ भी बंटाया करता है। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान उसने मोबाइल फोन से परहेज किया है।
परीक्षा से पहले पिता की मौत, 27 लाख का कर्जा, चार भाई बहन की पढ़ाई, भयंकर गरीबी में भी टूटी नहीं प्रेरणा…NEET क्रेक कर दी…
इधर, रामपुरा डाबड़ी निवासी निशा कुमावत पुत्र महेंद्र कुमावत ने भी 720 अंक में से 654 अंक प्राप्त कर परिवार का रोशन किया है। छात्रा कुमावत ने बताया कि उसने प्रतिदिन करीब सात से आठ घंटे पढाई की है।