नीट एक्सपर्ट आशीष अरोड़ा का कहना है कि अब स्टूडेंट्स कम से कम मॉक टेस्ट दें। क्योंकि कम माक्र्स आने पर मानसिक तनाव होगा, जो अच्छा स्कोर करने में बाधा बनेगा। स्टूडेंट्स लेट नाइट स्टडी न करें और डे स्टडी पर ध्यान दें। यह एग्जाम में बहुत बडा रोल प्ले करेगा।
एक्सपर्ट धु्रव बनर्जी ने कहा कि मॉक टेस्ट के समय में जो गलतियां की थी उनका स्टूडेंट्स अच्छे से रिव्यू कर लें। ताकि वहीं गलती या इससे सबंधित प्रश्रों के गलत होने की संभवना न रहे।
नीट एक्सपर्ट सी.आर. चौधरी का कहना है कि एग्जाम नजदीक है तो स्टूडेंट्स को डाइट पर कंट्रोल रखना होगा। लाइट एंड न्यूट्रियस फूड लें। स्टूडेंट्स डलनेस, आलस, नींद, विभिन्न प्रकार के डिस्टर्बेंस से बचे।
एक्सपर्ट का कहना है कि नीट एग्जाम में 90 प्रतिशत से अधिक प्रश्न एनसीईआरटी से आते हैं। आखिरी समय में बैक एक्सरसाइज का दो से तीन बार रिवीजन करें। साथ ही डेली शॉर्ट नोट्स का मल्टीपल रिवीजन करें। इससे दिमाग में प्रश्नों का कॉन्सेप्ट लगातार बना रहेगा।
नीट एग्जाम में करीब 60 प्रतिशत प्रश्न प्रीवियस ईयर के क्यूशन पेपर से आते हैं। इसका कॉन्सेप्ट वहीं रहता है। इनको सॉल्व करने के साथ प्रश्न व उत्तर को अलग-अलग तरीके से मॉडिफाइड करने की कोशिश करें। एक साथ तीनों सब्जेक्ट को पढ़ें और बारी-बारी से पांच-पांच प्रश्न सॉल्व करें।