ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र स्थित है. इसी वजह से उनका चंद्रघंटा नामकरण हुआ है. देवी चंद्रघंटा का वाहन सिंह है. उनका रंग स्वर्ण के समान है. मां चंद्रघंटा देवी के दस हाथ हैं जिनमें शस्त्र-अस्त्र विभूषित हैं. मां चंद्रघंटा परम कल्याणकारी हैं.
मां चंद्रघंटा पूजा विधि और महत्व
युद्ध में मां चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था. नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की विधिपूर्वक पूजा करने से साहस और शक्ति प्राप्त होती है. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि मां चंद्रघंटा की उपासना से बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है.
मां चंद्रघंटा को केसर और केवड़ा मिश्रित जल से स्नान कराएं और उन्हें सुनहरे रंग के वस्त्र पहनाएं. मां को कमल या गुलाब का फूल चढ़ाएं. इसके उपरांत भोग लगाकर मंत्र जाप करें. मां चंद्रघंटा के मंत्र
1.
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
2.
ऐं हृी क्लीं चंद्रघटायै नम: