ऐसे में बुधवार दोपहर बाद ही ग्रामीण इसकी टोह में लग गए। शाम होते होते पता चला कि शिकारियों की टोली ने जंगल में बंदूक से फायर कर मोर का शिकार किया। सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। जंगल में जाकर देखा तो मोर मृत मिला। प्राथमिक जांच के बाद गले में गोली लगना सामने आया। इसके बाद शव को सुरक्षित रखवा दिया गया। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद दाह संस्कार किया गया। कोतवाली पुलिस ने एक तस्कर को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
7 साल तक की सजा का प्रावधान
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता अजीत सिंह चौहान ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के सेक्शन 51 में 1-ए में मोर की हत्या का प्रकरण बनता है। इसमें अपराध साबित होने पर 25 हजार रुपए जुर्माना या 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। या फिर दोनों सजाएं भी एक साथ दी जा सकती हैं। इसके साथ ही बताया कि प्रकरण में अन्य धाराएं लगी हैं तो उनमें सजा का अलग से प्रावधान है। ऐसे घट रहे मोर
वर्ष 2022- 6183
वर्ष 2024- 4189
इसलिए वहां रिपोर्ट दर्ज
क्षेत्रीय वन अधिकारी गोविंद सिंह खींची ने बताया कि हम केवल वन्य जीव अधिनियम में ही कार्रवाई कर सकते थे। जबकि इस मामले में बंदूक भी जब्त करनी पड़ सकती है। ऐसे में हमारे सजेशन पर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है।