सर्जरी करने वाले एसएमएस अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. डी.एस.मीणा ने बताया कि लोगों के बार बार टोकने सेे मुकेश का आत्मविश्वास कम हो गया था। कद छोटा होने के कारण न सिर्फ कार्यस्थल बल्कि दोस्तों में भी वह मजाक का पात्र बन गए थे।
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मुकेश ने बताया कि सर्जरी के बाद उन्हें किसी भी प्रकार के दुुष्प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ा । इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। हालांकि उसे कुछ दर्द और बेड रेस्ट से भी गुजरना पड़ा। डॉ. मीणा ने बताया कि इस सर्जरी के लिए मरीज का चयन बेहद सावधानी पूर्वक और आवश्यकता होने पर ही किया जाता है।
सर्जरी से पहले की कई काउंसलिंग
डॉ. मीणा ने बताया कि मुकेश की सर्जरी से पहले कई बार परामर्श एवं काउंसलिंग की गई। सर्जरी के बाद चिकित्सक के मार्गदर्शन में हर नियम की कठोरता से पालना करना बेहद जरूरी है। सही तरीके से देखभाल की जाए तो यह लाभदायक साबित हो सकती है। लापरवाही से संक्रमण के साथ दोनों पैरो की लम्बाई कम ज्यादा व टेढ़ा होने का खतरा बना रहता है। गत वर्ष उसकी रशियन तकनीक (लेंदनिंग ओवर नेल) तकनीक से सर्जरी की गई थी।