प्रदेश में ओबीसी में 91 जाति-वर्ग शामिल हैं, जिनको आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम जातियां भी हैं, जिनमें मिरासी, मणिहारों से लेकर काठात, मेहरात, मांगणियार और सिंधी मुसलमान तक विभिन्न जातियां शामिल हैं। इनके बारे में चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद समीक्षा कराने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।
नगारची-दमामी (मुस्लिम), राणा (मुस्लिम), बायती (बारोट मुस्लिम), सिंधी मुसलमान, सिपाही (मुस्लिम), फकीर (कब्रिस्तान में काम करने वाले), धोबी (मुस्लिम), मेव, कायमखानी, नागौरी, भिश्ती, मांगणियार, लखेरा, मिरासी, काठात, मेहरात, चीता, घोडात, बिसायती
कांग्रेस विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज, शराब सेल्समैन से मारपीट; 1.90 लाख रुपए लूटे
नतीजों का इंतजार, होगी कार्रवाई
चार जून के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में 14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में आरक्षण दिया जा रहा है, जिनको कांग्रेस के समय शामिल किया गया। भाजपा की पिछली सरकारों के समय इनकी समीक्षा नहीं होने के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। धर्म के आधार पर यह आरक्षण संविधान के विरुद्ध है। इस बारे में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर समीक्षा कराई जाएगी, जिसके बाद कार्रवाई होगी।
- अविनाश गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री