मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा
पत्रिका से बात करते हुए पैरा शूटर और पेरिस पैरालंपिक की कांस्य विजेता मोना अग्रवाल ने कहा- अर्जुन अवॉर्ड पाने वाले खिलाड़ियों की सूची में मेरा नाम आना मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब पेरिस पैरालंपिक कोटा हासिल हुआ उस वक्त मेरे पास न तो उच्च स्तरीय उपकरण थे और न ही कोचिंग। लेकिन मेरे मन में विश्वास था कि मुझे किसी भी कीमत पर पदक जीतना है। हम पेरिस रवाना हुए तब तक कोई नहीं जानता कि मोना पदक जीत सकेगी, लेकिन मेरा प्रयास सफल हुआ और मैंने सबको चकित करते हुए पहले ही बड़े टूर्नामेंट में पदक जीता। अब अर्जुन अवॉर्ड पुरस्कार पाना मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।
ऐसे बनी ओलंपिक मेडलिस्ट
मोना ने बताया कि शूटिंग से पहले वह भाला फेंक, शॉट पुट, डिस्कस और पावरलिफ्टिंग करती थी। लेकिन शारिरिक असमर्थता के कारण पावरलिफ्टिंग से दूर हो गई और दूसरे खेलों पर ध्यान देने लगी। इस बीच शादी के बाद जयपुर आ गई। 2021 में उन्होंने शूटिंग की शुरुआत की। इस दौरान बेहद ही कम समय के अंतराल में वह पेरिस पैरालंपिक के लिए ओलंपिक कोटा हासिल करने में सफल रही। करीब 6 महीने बाद मोना ओलंपिक मेडलिस्ट बनकर देश में इतिहास रचा।