चिंता की बात यह है कि इस तरह के कुछ मामलों में तो ऑपरेशन की जरूरत भी पड़ रही है। लेकिन इन्हें अपने इन विकारों के पनपने का कारण भी पता नहीं होता। विशेषज्ञ को जब ये दिखाने आते हैं तो उनसे पूछी जाने वाली आदतों में यह बातें सामने आने पर यह निष्कर्ष निकाला जाता है। प्रति सप्ताह इस तरह के 2-4 केस में ऑपरेशन की जरूरत भी महसूस की जा रही है।
बिना बात महसूस होता कि मोबाइल बज रहा स्मार्ट फोन की लत मनोविकार के साथ न्यूरो विकार भी पैदा कर रही है। मोबाइल फोन के उपयोग में कई लोग इतने रम जाते हैं कि इन्हें अपने लेटने और बैठने के सही पोश्चर का भी खयाल नहीं रहता। जिससे ये अनजाने में ही न्यूरो की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। यह लत इन्हें मनोरोग का शिकार भी बना रही है। इन्हें कई बार मोबाइल नहीं बजने पर भी उसकी रिंग टोन बजती हुई महसूस होती है। स्मार्टफोन की लत को नोमोफोबिया (मोबाइल फोन के बिना होने का डर) कहा जाता है।
आदत से पनपी परेशानी – टोंक रोड निवासी कामकाजी महिला को गर्दन से कमर तक लगातार दर्द बना रहने पर विशेषज्ञ को दिखाया। यहां डॉक्टर ने उनकी आदतों के बारे में पूछने पर उसने बताया कि वह कई बार सोफे पर लेटकर भी मोबाइल का इस्तेमाल करती है। विशेषज्ञ ने उसे बताया कि उसकी समस्या का एक कारण यह भी हो सकता है।
– महारानी फार्म निवासी अधिवक्ता की लेटने के दौरान एक हाथ सिर पर टिकाकर मोबाइल चलाने की आदत थी। इससे उनके गर्दन से कमर तक दर्द रहने लगा। विशेषज्ञों ने उनकी परेशानी का कारण इसी आदत को बताया। अब वह इस आदत को छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
यह रखें ध्यान
– संयमित व आवश्यकतानुसार ही इंटरनेट इस्तेमाल करें
– महत्वपूर्ण कार्य करते समय फ़ोन को इस्तेमाल नहीं करें
– खाली समय में आउटडोर गेम, क्रिएटिव एक्टिविटी और परिजनों से संवाद बनाएं
– अपनी दिनचर्या बनाए रखते हुए उचित नींद लें – जरूरत पड़ने पर समस्या का संज्ञान लेते हुए विशेषज्ञ से सलाह ली जा सकती है
– अपने बैठने और लेटने की आदत पर स्वयं भी गौर करते रहें
अनावश्यक रूप से मोबाइल पर अत्यधिक समय बिताना तब एक समस्या बन जाता है जब यह पारस्परिक रिश्तों, कामकाज, स्कूल, शौक या जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रभावित करने लगे। नोमोफोबिया से अवसाद , चिंता,एकाकीपन पैदा होता है।
डॉ.अखिलेश जैन, विभागाध्यक्ष, मनोरोग, ईएसआइ अस्पताल, जयपुर — लेटने और ऑफिस कामकाज के दौरान सही पोश्चर नहीं रखने से युवा वर्ग में भी स्लिप डिस्क, कमर दर्द जैसी समस्याएं सामने आती है। उनसे पूछताछ में इन लत का पता चलता है। ऐसे कुछ मामलों में तो युवाओं के भी ऑपरेशन किए गए हैं। जबकि यह समस्या अधिक उम्र की मानी जाती है।
डॉ.वी.डी.सिन्हा, पूर्व विभागाध्यक्ष, न्यूरोसर्जरी, सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज