अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालों में मंत्री राजेंद्र यादव ही पहले नेता हैं, ऐसा नहीं है। उनसे पहले खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, खेल मंत्री अशोक चांदना, सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और पंजाब के कांग्रेस प्रभारी व पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने अलग-अलग मसलों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
यही नहीं, विधायक भरत सिंह भी अवैध खनन समेत अन्य मुद्दों पर लगातार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मीडिया में सुर्खियां बटोर रहे हैं। बाड़मेर विधायक हेमाराम चौधरी ने तो इस्तीफा तक दे दिया था, हालांकि राजस्व मंत्री बनने के बाद अब उनके तेवर नरम पड़ गए हैं।
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जिला बनाने की चर्चा से उछले जमीनों के भाव
विधानसभा चुनाव से पहले नए जिले बनाने की सुगबुगाहट का असर अलवर जिले में भी दिखाई देने लगा है। कोटपूतली को नया जिला बनाने और इसका मुख्यालय बहरोड़ व कोटपूतली के बीच पनियाला, सोतानाला के आसपास बनाने की लंबे समय से हो रही चर्चा मात्र से ही यहां जमीनों के भाव उछाल खाने लगे हैं। हालांकि राज्य सरकार की ओर से अभी कोटपूतली सहित प्रदेश में कहीं भी नया जिला बनाने की घोषणा नहीं की गई है।
अपना सियासी हित तलाश रहे नेता! राज्य के विधानसभा चुनाव में करीब एक साल का समय बचा है। चुनावी साल में राज्य सरकार की ओर से लुभावनी घोषणाओं की उम्मीद पाले जनप्रतिनिधियों, राजनेताओं एवं अन्य लोगों ने इन घोषणाओं में स्वयं का हित भी तलाशना शुरू कर दिया है। लंबे समय से अलवर में एक और नया जिला बनाने की मांग उठती रही है। कई बार जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा एवं सार्वजनिक मंचों पर नया जिला बनाने की मांग की है। वहीं समीपवर्ती कोटपूतली को भी जिला बनाने की मांग लंबे समय से रही है। नए जिलों के गठन के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित समिति की ओर से जल्द रिपोर्ट दिए जाने की अटकलों से एक बार फिर नए जिले की जल्द घोषणाओं की चर्चा होने लगी है।
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जनप्रतिनिधियों व नेताओं की रूचि ज्यादा
नए जिले की घोषणा का वैसे तो सभी को इंतजार है, लेकिन जनप्रतिनिधि एवं राजनेता इसमें ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। इसका कारण है कि नए जिले की घोषणा के साथ ही वहां विकास को गति मिल सकेगी और जमीन की मांग तेजी से बढ़ेगी। ऐसे में लोग संभावित नए जिले व आसपास जमीन की तलाश में जुटे हैं। इस कारण वहां जमीन के भाव उछाल खाने लगे हैं।
जिला मुख्यालय बनाने की चर्चा
इन दिनों चर्चा है कि राज्य सरकार की ओर से संभवत: विधानसभा चुनाव से पूर्व कोटपूतली को नया जिला बनाने की घोषणा की जा सकती है। इसका जिला मुख्यालय कोटपूतली व बहरोड़ के बीच बनाया जा सकता है। लोग इसका कारण बताते हैं कि पूर्व में बहरोड़ को भी जिला बनाने की मांग उठ चुकी है। वहीं अन्य जनप्रतिनिधि बानसूर, खैरथल व भिवाड़ी को भी नया जिला बनाने की मांग कर चुके हैं। साथ ही कोटपूतली को जिला बनाने की मांग पुरानी है। ऐसे में सरकार कोटपूतली व बहरोड़ के बीच पनियाला व सोतानाला के आसपस किसी स्थान पर जिला मुख्यालय बनाने की घोषणा कर सभी जनप्रतिनिधियों को संतुष्ट कर सकती है। इन संभावनाओं को देख कई मौजूदा जनप्रतिनिधियों एवं राजनेताओं सहित अन्य प्रभावशाली लोग वहां जमीन खरीदने में जुटे हैं।