चुनाव आयोग की सख्ती के बावजूद दागियों के चुनाव लडऩे का सिलसिला नहीं थमा है। इस लोकसभा चुनाव में इन तीन राज्यों में सबसे अधिक दागी प्रत्याशी 13 फीसदी मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि 11 फीसदी दागी प्रत्याशियों के साथ राजस्थान दूसरे और नौ फीसदी के साथ छत्तीसगढ़ तीसरे स्थान पर है।
ज्योतिरादित्य, गुना (कांग्रेस) 374 करोड़
सुखबीर सिंह, टोंक-सवाईमाधोपुर (भाजपा) 123 करोड़
मुकेश कुमार, टोंक-सवाईमाधोपुर (एसएचएस) 101 करोड़
रिजू झुंझुनूंवाला, अजमेर (कांग्रेस) 85 करोड़
विवेक तन्खा, जबलपुर (कांग्रेस) 66 करोड़
ज्योति मिर्धा ( Jyoti Mirdha ), नागौर (कांग्रेस) 65 करोड़
शैलेन्द्र कुमार, रायपुर (शक्ति सेना) 60 करोड़
रफीक मंडेलिया, चुरू (कांग्रेस) 58 करोड़
करतार सिंह, मुरैना (बसपा) 44 करोड़
अरूण सुभाषचंद्र, खंडवा (कांग्रेस) 38 करोड़
पीपी चौधरी, पाली (भाजपा) 38 करोड़
दिग्विजय सिंह, भोपाल (कांग्रेस) 38 करोड़
अजय अरूण सिंह, सीधी (कांग्रेस) 37 करोड़
अशोक सिंह, ग्वालियर (कांग्रेस) 37 करोड़
दुष्यंत सिंह ( dushyant singh ), झालावाड़-बारां (भाजपा) 37 करोड़
देवकीनंदन काका, राजसमंद (कांग्रेस) 25 करोड़
सुभाष बहेडिय़ा, भीलवाड़ा (भाजपा) 23 करोड़
बद्री जाखड़, पाली (कांग्रेस) 23 करोड़
दीया कुमारी ( Diya Kumari ), राजसमंद (भाजपा) 16 करोड़
रामचरण बोहरा ( ramcharan bohra ), जयपुर (भाजपा) 16 करोड़
सुधीर गुप्ता, मंदसौर (भाजपा) 16 करोड़