अब प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार व केंद्र सरकार से अनुमति ली जाएगी। अनुमति समय पर मिली तो आगामी ढाई—तीन साल में प्रोजेक्ट धरातल पर आ जाएगा। इस मेट्रो की खास बात यह है कि यह न एलिवेटेड होगी और नहीं अंडरग्राउंड, बल्कि अन्य वाहनों की तरह जमीन पर चलेगी। पटरी सड़क के भीतर ही होगी।
वही, कोरोना के चलते अब वित्तीय संकट भी आ गया है। ऐसे में शहर में फेज—2 से पहले फेज 1सी व फेज 1डी शुरू करने की संभावना है। फेज 1सी बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर तक का होगा। इसमें बड़ी चौपड़ से सूरजपोल तक अंडरग्राउंड मेट्रो होगी। स्टेशन रामगंज पर होगा। सूरजपोल से ट्रांसपोर्ट नगर तक एलिवेटेड मेट्रो होगी। वहीं फेज 1डी में मानसरोवर से डेढ़ किलोमीटर आगे 200 फुट बाईपास तक मेट्रो को बढ़ाया जाएगा। फेज 1सी व 1डी की कीमत अपेक्षाकृत काफी कम है।
लाइट मेट्रो में यह होगा खास
सिस्टम तीन डिब्बों का होगा। 3 कोच वाली इस ट्रेन की क्षमता 300 यात्रियों की होगी। 3 डिब्बे एक दूसरे से लगे होंगे। इन्हें स्टेनलेस स्टील या एल्युमिनियम से बनाया जाएगा।
— इसकी रफ्तार करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटा होगी
— सड़क पर ट्राम की तरह चलेगी
— सिस्टम के लिए अलग लाइन होगी। जिससे सड़क पर ट्रैफिक पर असर नहीं पड़ेगा
— मेट्रो लाइट सिस्टम में शेल्टर प्लेटफार्म होंगे। इसमें एएफसी गेट, प्लेटफॉर्म, स्क्रीन डोर, एक्स-रे और बैगेज स्कैनर नहीं होंगे।
— टिकट वैलिडेटर्स ट्रेन के अंदर ही होंगे
फेज 2 की लागत घटकर आधी हुई
जयपुर मेट्रो ने फेज 2 अंबाबाड़ी से सीतापुरा तक लाइट मेट्रो प्रस्तावित कर रखी है। इसमें मेट्रो के कोच कम होंगे, स्टेशन छोटे होंगे। जिस कारण फेज 2 की लागत 11 हजार करोड़ से घटकर 4600 करोड रूपए हो गई है। लेकिन जयपुर मेट्रो का आगामी प्रोजेक्ट मेट्रो लाइट, लाइट मेट्रो से काफी अलग है।
शहर में स्थापित भार को देखते हुए मोबिलिटी प्लान लागू करने की आवश्यकता है। मेट्रो लाइट को बोर्ड बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी मिली है। इस पर आगे विस्तृत प्लान तैयार कर रहे हैं।
— डॉ समित शर्मा, सीएमडी, जयपुर मेट्रो