ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि 13 फरवरी को सूर्य देव ने कुंभ राशि में प्रवेश किया और पहले से ही कुंभ में विराजमान शनि देव के साथ उनकी युति हुई। अब बुध भी एक दिन पहले ही कुंभ राशि में प्रवेश किया। बुध 16 मार्च तक इसी राशि में रहेंगे, उसके बाद वे मीन राशि प्रवेश कर जाएंगे। जहां देव गुरु बृहस्पति के साथ उनकी युति होगी। सूर्य भी 15 मार्च तक कुंभ में ही रहेंगे, ऐसे में 27 फरवरी से 15 मार्च तक कुंभ राशि में सूर्य, बुध और शनि की युति होगी, जो की देश पर एक व्यापक प्रभाव डालेगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि जब कुंभ राशि में बुध का गोचर हुआ, उस समय शनि 5 अंश पर और सूर्य लगभग 14 अंश पर रहे। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्य भी इसी राशि में स्थित रहेंगे, लेकिन बुध के निकटतम अंशों में रहने के बाद वह इस राशि से मार्च में निकल जाएंगे।