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जयपुर

स्मारक पर्यटक फ्रेंडली हो, रामगढ़ बांध भरे लबालब, विरासत को मिले संरक्षण

फिर से विश्व विरासत की तरह ही दिखे पिंकसिटी, परकोटे के लिए बने विशेष नीति
नए मंत्रिमंडल में जयपुर के मंत्रियों को मिले कई महत्वपूर्ण विभागजयपुर के लोगों की जागी उम्मीदें

जयपुरJan 06, 2024 / 04:25 pm

Vikas Jain

Today Rajasthan Politics कोहरे का सितम, टूट रहे मंच

Today Rajasthan Politics कोहरे का सितम, टूट रहे मंच

राज्य की नई सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने के साथ ही जयपुर के लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। जयपुर से बने मंत्रियों को कई महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। जिनमें पर्यटन, कला साहित्य, संस्कृति, युवा मामले, खेल और उद्योग जैसे जनता से जुड़े महकमे भी शामिल हैं। जयपुर शहर को पर्यटन नगरी के रूप में जाना जाता है। यहां आमेर, हवामहल, अल्बर्ट हॉल जैसे विश्व प्रसिद्ध स्मारक हैं और जयपुर जिले में ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाएं भी हैं। यहां देश-दुनिया से सालाना 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आते हैं। लेकिन स्मारकों पर गंदगी, पार्किंग समस्या और लपके पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बनते हैं।

अब पर्यटन स्थलों को पर्यटक फ्रेंडली बनाना, पर्यटक सहायता बल को मजबूत करने और जयपुर जिले के आस-पास ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना भी जरूरी है।

तय समय में पूरी हो रामगढ़ बांध को भरने की योजना
– रामगढ़ बांध को ईसरदा बांध से भरने की योजना बनाई गई है।
– ग्रामीण पर्यटन नीति का क्रियान्वयन हो, जिससे युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो
– गणगौर और तीज माता की सवारी का देश-दुनिया के पर्यटन के नक्शे पर प्रचार हो
– अल्बर्ट हॉल संग्रहालय की तर्ज पर नया संग्रहालय बनाने की योजना धरातल पर उतरे
– जयपुर की कला, संस्कृति और विरासत को सहेजने और विरासत के संरक्षण के लिए भी प्रयास हों
– शहर में महिला सुरक्षा को लेकर पुख्ता उपाय हों। राज्य महिला नीति-2021 के प्रावधानों के अनुसार महिला थानों, सार्वजनिक कार्यस्थलों पर सुरक्षा की नीति बने

परकोटे का लौटे पुरा वैभव
कांग्रेस सरकार के समय जयपुर के परकोटे को विश्व विरासत का दर्जा प्राप्त हुआ था। लेकिन अभी भी शहर की यह ऐतिहासिक धरोहर अवैध निर्माण, अतिक्रमण, यातायात जाम, प्रदूषण, आवारा पशु, पर्यटन स्थलों के आस-पास गंदगी इत्यादि समस्याओं से परेशान है। परकोटे की गलियों से गुजरना मुश्किल हो गया है। अब जयपुर के मंत्रियों के समक्ष यह बड़ी चुनौती होगी कि वे जयपुर शहर के पुरा वैभव को अपने पुराने और मूल स्वरूप में लौटाएं।

जयपुर के स्टेडियमों की बदलेगी सूरत !
जयपुर शहर में खेल मैदानों के विकास की भी उम्मीद जागी है। अभी शहर की अधिकांश खेल सुविधाएं सवाईमानसिंह स्टेडियम पर ही निर्भर हैं। अब चौगान सहित वैशाली नगर, विद्याधर नगर स्टेडियम में भी सुविधाएं बढऩे की उम्मीद है। जयपुर शहर के निकट चौप में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम निर्माणाधीन है। इसे पूरा करना भी चुनौती होगा।

शिक्षा सहित अन्य चुनौतियां
– राजधानी के कॉलेजों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
– कई कॉलेज किराए के भवनों में चल रहे हैं।
– जेएलएन मार्ग पर बन रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को समय से शुरू करना।
– कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के पहले सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज की घोषणा जयपुर में की। कॉलेज में इस सत्र से प्रवेश शुरू हो गए हैं। लेकिन कॉलेज का अभी तक भवन नहीं है।
– पॉलिटेक्निक कॉलेजों में नए कोर्स शुरू करने होंगे।
– शहर में ई-रिक्शा को लेकर अभी तक न नीति बनी है और न ही लाइसेंस तैयार हुए हैं, इनसे परकोटे में जाम के हालात रहते हैं।
– शहर में संचालित कैब कंपनियों पर परिवहन विभाग की लगाम नहीं है, इसको लेकर भी नीति की जरूरत
– रोडवेज बसों की संख्या कम हैं, रोडवेज के लिए इलेक्ट्रिक बसों की खरीद भी अभी तक नहीं हुई, रोडवेज में नई बसों की खरीद चुनौती से कम नहीं होगी।

जयपुर इस तरह हुआ मजबूत
मुख्यमंत्री और सांगानेर विधायक भजनलाल शर्मा के पास गृह सहित कई मुख्य विभाग हैं। विद्याधर नगर से विधायक और उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी के पास वित्त के अलावा पर्यटन, कला साहित्य संस्कृति सहित अन्य, दूदू विधायक और उप मुख्यमंत्री डॉ.प्रेमचंद बैरवा के पास तकनीकी, उच्च शिक्षा, आयुर्वेद, योग प्राकृतिक, सडक़-परिवहन विभाग हैं। हालांकि दूदू अब जयपुर से पृथक होकर अलग जिला बन चुका है। लेकिन जयपुर के नजदीक होने से यहां का लाभ जयपुर शहर को भी मिलेगा। झोटवाड़ा विधायक राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उद्योग, युवा मामले, खेल, कौशल नियोजन, उद्यमिता, सैनिक कल्याण विभाग दिए गए हैं।

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