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सोसायटी कॉलेजों में भी पढ़ना नहीं आसान
प्रदेश में फीस के तीन ढांचे है। पुराने सरकारी कॉलेज में न्यूनतम फीस है। नए खुल रहे सरकारी मेडिकल कॉलेजों को राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। जिसमें पुराने सरकारी कॉलेजों की तुलना में कई गुना अधिक फीस है।निजी में जाना मजबूरी
इतनी फीस देने के बाद भी सरकारी जाँच निश्चित नहीं होने से निजी की ओर मजबूरी में डॉक्टरों को जाना पड़ रहा है। जो सार्वजनिक सेवाओं के लिए अच्छा नहीं है। इतनी ज्यादा फीस देने के बाद भी कोर्स के पश्चात नौकरी नहीं मिलना मरीजों व मेडिकल प्रोफेशन की पवित्रता के लिए खतरनाक होगा। अन्य विकृति भी मेडिकल प्रोफेशन में आएगी।डॉ. राजेन्द्र शर्मा, चिकित्सक व एक्टिविस्ट