जिप्सी का उत्पादन बंद होने के बाद कई सालों से वन विभाग की ओर से जिप्सी के विकल्प की खोज की जा रही थी। इसके लिए पूर्व में वन विभाग की ओर से एक दूसरी वाहन निर्माता कंपनी के एक वाहन को भी चिह्नित किया गया था। लेकिन उक्त वाहन महंगा होने के कारण बात नहीं बन सकी थी।
दरअसल, वाहन निर्माता कंपनी की ओर से जिप्सी का उत्पादन 2016 में ही बंद कर दिया था। ऐसे में आखिरी बार रणथम्भौर में नई जिप्सी 2016 में लाई गई थी। पूर्व में रणथम्भौर में पर्यटन वाहनों की मॉडल कंडीशन पांच साल की थी। ऐसे में केवल पांच साल तक ही एक जिप्सी व कैंटर को टाइगर रिजर्व में संचालित किया जा सकता था। लेकिन जिप्सी का उत्पादन बंद होने के बाद वन विभाग की ओर से मॉडल कंडीशन को बढ़ाकर पहले सात साल और फिर 10 साल कर दिया था। ऐसे में वर्तमान में 2026 तक रणथम्भौर में मौजूदा जिप्सियों का संचालन किया जा सकता है। लेकिन वर्तमान मॉडल कंडीशन के अनुसार 2026 में सभी जिप्सियां पार्क से बाहर हो जाएगी। गौरतलब है कि वर्तमान में रणथम्भौर में 269 जिप्सी संचालित हैं।