प्रदेश में ये विंग
– थाना स्तर पर : बीट कांस्टेबल, स्पेशल टीम
– एसपी-डीसीपी स्तर पर : जिला विशेष टीम
– कमिश्नर-आईजी स्तर पर : क्राइम ब्रांच
– पुलिस मुख्यालय स्तर पर : क्राइम ब्रांच, इंटेलिजेंस
– स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) : संगठित अपराध करने वाले गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए
– एंटी टेररिस्ट स्क्वाॅड (एटीएस) : आतंकवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए
नाम बदलकर जगतपुरा में रह रहा था
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने के लिए हथियार सप्लायर कोटा का हिस्ट्रीशीटर महेन्द्र कुमार मेघवाल नाम बदलकर जगतपुरा में रह रहा था। जगतपुरा से ही उसने समीर के नाम से शूटर्स को हथियार उपलब्ध करवाए थे। वह छह से अधिक हथियार घर पर लेकर आया। इतना ही नहीं एके-47 भी लेकर आया था। इसके बावजूद पुलिस को उसकी भनक नहीं लगी। यहां तक प्रताप नगर थाना पुलिस ने हथियार तस्करी के मामले में उसे एक बार पकड़ा था, लेकिन वह छद्म नाम समीर बताकर छूट गया था।
जयपुर से किया पीछा, भरतपुर टोल पर की फायरिंग
भरतपुर के भाजपा नेता कृपाल जघीना की हत्या के आरोपियों को गैंगवार होने से बचाने के लिए जयपुर जेल में शिफ्ट किया गया। जयपुर से आरोपी कुलदीप जघीना व उसके साथी को रोडवेज बस से पुलिस टीम पांच जुलाई को भरतपुर पेशी पर लेकर जा रही थी। बस अमोली टोल पर पहुंची तभी बस में सवार और पीछे से आए बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर कुलदीप जघीना की हत्या कर दी। गैंगवार की सूचना होने के बाद भी पुलिस की कोई भी टीम घटना को नहीं रोक पाई।