मीणा ने कहा कि वह यह बात पहले भी कह चुके हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव में पार्टी उन्हीं के कारण जीती। उन्होंने कहा कि जब पार्टी सत्ता में होती है तो हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है और अगर पार्टी विपक्ष में होती है तो यह जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष की रहती है।
प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में लम्बे समय से चल रही खींचतान अब चरम पर है। चुनाव में सभी 25 सीट हार के बाद बड़े नेताओं के बीच हार की जिम्मेदारी को लेकर तनाव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे किसी ने भी अब तक हार की जिम्मेदारी नहीं ली है। हार के लिए अब तक तीनों ही सामूहिक जिम्मेदारी तय करने में जुटे है। हालांकि गहलोत और पायलट खेमों में बंटे कांग्रेसजन चाहते हैं कि किसी एक गुट की स्पष्ट जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। इसे लेकर कुछ मंत्री तो खुलकर सामने आ चुके है। कुछ कांग्रेस नेता सोशल मीडिया पर अपने—अपने नेताओं के पक्ष में कमेंट करने में जुटे है।