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जयपुर

31 वर्ष बाद मकर संक्रांति पर बन रहा ऐसा संयोग, ये दान करना होगा ज्यादा शुभ, 16 घंटे का रहेगा पुण्यकाल

Makar Sankranti 2024 Date and Time: पतंगबाजी और दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति लगातार दूसरे वर्ष 14 के स्थान पर 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 14 जनवरी की आधी रात के बाद सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण यह संयोग बना है। अगली बार ऐसा संयोग वर्ष 2027 में बनेगा।

जयपुरJan 08, 2024 / 11:06 am

Akshita Deora

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Makar Sankranti 2024: पतंगबाजी और दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति लगातार दूसरे वर्ष 14 के स्थान पर 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 14 जनवरी की आधी रात के बाद सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के कारण यह संयोग बना है। अगली बार ऐसा संयोग वर्ष 2027 में बनेगा। उधर, मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व रविवार होने के कारण शहर में दो दिन पतंगबाजी होगी। मकर संक्रांति पर्व की रंगत परकोटे समेत शहर की अन्य कॉलोनियों और बाजारों में देखने को मिल रही है। पतंगों से लेकर फीणी की दुकानें पूरी तरह से सज गई है।

ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि सूर्य का 14 जनवरी की रात 2:44 बजे मकर राशि में प्रवेश होगा। उदियात तिथि के कारण मकर संक्रांति सोमवार को मनाई जाएगी। सूर्योदय के साथ ही पूर्वान्हकाल में जो पुण्यकाल रहता है वह विशेष फलदायी रहेगा।

16 घंटे का रहेगा पुण्यकाल
मकर संक्रांति लगने से करीब 6.24 घंटे पहले पुण्यकाल शुरू होता है। शास्त्रानुसार संक्रांति में प्रवेश के बाद 16 घंटे पुण्यकाल रहेगा। ऐसे में दान-पुण्य के लिए 15 जनवरी का दिन शुभ रहेगा।

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गेहूं की अच्छी फसल का अनुमान
पं. शर्मा ने बताया कि संक्रांति 31 वर्ष बाद अश्व पर सवार होकर आएगी। साथ ही यह धोबी के घर प्रवेश करेगी। उसका उप वाहन सिंह व वार नाम घोरा रहेगा। संक्रांति का आगमन दक्षिण दिशा से और गमन उत्तर दिशा से होगा। इसके परिणामस्वरूप शेयर मार्केट में उठाव आने व गेहूं के उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है। साथ ही दूध और इससे बनने वाली वस्तुओं के उत्पादन और मांग भी बढ़ने के आसार हैं।
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इसलिए भी खास पर्व
ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ के मुताबिक मकर संक्रांति पर्व का धार्मिक के साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। इसी दिन भगवान सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं। इस दिन से सर्दी का असर कम होने के साथ ही रातें छोटी और दिन बड़े होने लग जाते हैं। तमिलनाडु में इस पर्व को पोंगल, गुजरात में उत्तरायण, असम में बिहू, उत्तराखंड में गुघुती, हिमाचल प्रदेश में माघ साजी के रूप में मनाया जाता है।

यह करें दान
ज्योतिषाचार्य पं.घनश्याम शर्मा ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गो सेवा, तिल, गुड, कंबल, काले-ऊनी वस्त्रों के साथ ही धार्मिक पुस्तकों के दान का विशेष महत्व है।

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