माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजस्थान की मंत्रिमंडल की तस्वीर बदल सकती है। सीएम भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन भी किया जा सकता है। कई दिग्गज मंत्रियों के पद छीन सकते है।
दिल्ली से मिला टारगेट
राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने दिल्ली के काफी दौरे किए। दिल्ली में भजनलाल के माध्यम से 2 डिप्टी सीएम और 21 कैबिनेट और राज्यमंत्रियों को साफ किया गया था कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों की जीत बड़े अंतर से होनी चाहिए। ऐसे में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट राजस्थान के साथ-साथ कैबिनेट मंत्रियों के लिए काफी अहम हो गया है। क्योंकि जिस विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी की हार होगी, उन मंत्रियों की कुर्सी जा सकती है। लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में कैबिनेट की तस्वीर बदलने के कयास लगने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जुलाई-अगस्त में कैबिनेट में फेरबदल का फैसला हो सकता है।
पीएम कर चुके तारीफ
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीठ थपथपा चुके है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम का प्रभाव सीएम की कुर्सी पर भी पड़ेगा। भजनलाल शर्मा ने लोकसभा चुनाव में खूब ताकत झोंकी है। इतना ही नहीं वह अब राजस्थान के बाहर भी बीजेपी के कैंपेन में लगे हुए हैं। बता दें कि राजस्थान के सवाई माधोपुर रैली के दौरान पीएम ने कहा था कि राजस्थान में भजनलाल सरकार अच्छा काम कर रही है। सरकार बनने के चार महीने में ही वो कर दिखाया है जो गहलोत सरकार पांच साल में भी नहीं कर पाई थी।
किरोड़ी लाल दे चुके संकेत
इसके इतर बीजेपी के दिग्गज नेता और राजस्थान कैबिनेट के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्री पद छोड़ने का बड़ा ऐलान कर चुके है। उन्होंने दौसा के महुआ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर महुआ से भारतीय जनता पार्टी नहीं जीती तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे।
नए नेताओं को मिला ऑफर
सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले कई नए नेताओं को भी मंत्री पद का ऑफर दिया गया है। अगर उनके क्षेत्र में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करती है तो नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। वहीं जिन मंत्रियों के क्षेत्र में भाजपा अच्छा प्रदर्शन करती है तो उनका कद बढ़ सकता है और उन्हें नई जिम्मेदारी भी मिल सकती है।