scriptLok Sabha Elections 2024 : अशोक गहलोत के बेटे की राह नहीं आसान…BSP ने यूं चला बड़ा दांव | Lok Sabha Elections 2024 : BSP made Lal Singh Rathore its candidate from Jalore, Ashok Gehlot son Vaibhav Gehlot path is not easy | Patrika News
जयपुर

Lok Sabha Elections 2024 : अशोक गहलोत के बेटे की राह नहीं आसान…BSP ने यूं चला बड़ा दांव

Lok Sabha Elections 2024 : जयपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के शेष प्रत्याशियों की सूची का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा हैं। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी ने राजस्थान की तीन और लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी।

जयपुरMar 21, 2024 / 08:35 am

Anil Prajapat

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जयपुर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के शेष प्रत्याशियों की सूची का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा हैं। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी ने राजस्थान की तीन और लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने बताया कि जालोर लोकसभा सीट पर लाल सिंह राठौड़, भरतपुर में इंजी. अंजला और कोटा लोकसभा सीट पर भीम सिंह कुंतल का उम्मीदवार बनाया है।

बसपा ने जालोर से लाल सिंह राठौड़ को चुनावी रण में उतारकर बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस प्रत्याशी के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। जालोर में अब त्रिकोणीय मुकाबला दिखने को मिलेगा। भाजपा ने यहां से लुम्बाराम चौधरी को प्रत्याशी बनाया हैं तो कांग्रेस ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को रण में उतारा है।


बता दे कि पिछली साल हुए विधानसभा चुनाव में भी बसपा को राजस्थान में दो सीटों पर जीत मिली थी और इससे पहले हुए विधानसभा चुनाव में तो 6 सीटें जीती थी। ऐसे में बसपा को कम आंकना बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही ठीक नहीं होगा। क्योंकि बसपा के इस कदम से बीजेपी और कांग्रेस का वोटों का समीकरण जरूर बिगड़ेगा।

 

जालोर-सिरोही सीट से लालसिंह राठौड़ के नाम का ऐलान होने के बाद कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि पहले से ही राठौड़ बाहरी को प्रत्याशी बनाने का विरोध कर रहे थे। ऐसे में अब वो कांग्रेस का साथ छोड़कर बसपा में शामिल हो गए है। वहीं, बसपा ने भी अपने पत्ते खोलते हुए लालसिंह राठौड़ पर ही बड़ा दांव खेल दिया है। ऐसे में यह तो साफ है कि जालोर में वैभव गहलोत की राह आसान नहीं होगी। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वैभव गहलोत को जोधपुर टिकट दिया था। लेकिन, वो गजेंद्र सिंह के सामने हार गए थे। ऐसे में अब जालोर-सिरोही लोकसभा सीट के लिए वैभव गहलोत पर दांव लगाया गया है। बता दे कि जालोर-सिरोही सीट वैसे तो कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन 1999 के बाद इस सीट पर कांग्रेस को लगातार चार बार हार का सामना करना पड़ा है।

 

लाल सिंह राठौड़ ने साल 2017 में सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थामा था। उसके बाद पार्टी ने उन्हें कांग्रेस कमेटी खनन एवं उत्थान प्रकोष्ठ का प्रदेश महासचिव बनाया। साल 2023 में कांग्रेस ने उन्हें जिला उपाध्यक्ष बनाया। लाल सिंह राठौड़ जालौर ग्रेनाइट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में लाल सिंह राठौड़ ने आहोर विधानसभा सीट से टिकट मांगा था। लेकिन, नहीं मिला तो वो शांत रहे। जब लोकसभा चुनाव में भी उन्हें साइड पर वैभव गहलोत को टिकट दिया गया तो वो खुलकर कांग्रेस के खिलाफ हो गए। उन्होंने साफ-साफ कहा कि बाहरी प्रत्याशी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन, आलाकमान ने उनकी एक भी नहीं सुनीं। ऐसे में लाल सिंह राठौड़ ने बुधवार को कांग्रेस का साथ छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया और अब वो जालोर-सिरोही सीट से कांग्रेस के वैभव गहलोत के सामने चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

 

बता दे कि बसपा की ओर से अब तक 5 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जा चुका है। इससे पहले 13 मार्च को बसपा ने अलवर से चौधरी फजल हुसैन और श्रीगंगानगर से देवकरण नायक को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया था। बसपा की ओर से बुधवार को जारी की गई लिस्ट में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम लाल सिंह राठौड़ का है, जो कांग्रेस का साथ छोड़कर अब हाथी संग चल पड़े हैं। ऐसे में अब जालोर में रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

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