पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जो दिग्गज नेता विधानसभा चुनाव हार चुके हैं और वे पार्टी के लिए मजबूत स्तम्भ हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव लड़वाकर दिल्ली ले जाया जा सकता है। इस सूची में सबसे ऊपर नाम है पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का। राठौड़ तारानगर और पूनिया आमेर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। दोनो ही हार गए। दोनों ही नेताओं के समर्थक बार-बार आलाकमान और संघ को यह फीडबैक दे रहे हैं कि उनके साथ भितरघात हुआ है। ऐसे में उन्हें अब अन्य जगहों पर समायोजित किया जाए। यदि पार्टी इनकी बात मानती है तो दोनों को लोकसभा चुनाव लड़वाया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में हार का क्रम तोड़ना चाहती है कांग्रेस, अब इन दिग्गजों को मैदान में उतारने की तैयारी
भाजपा में इन नेताओं पर चर्चा
– राजेन्द्र राठौड़ करीब 33 साल तक विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। इस बार चुनाव हार चुके हैं। अब उनकाे राजसमंद और जयपुर ग्रामीण में से किसी एक सीट से लोकसभा चुनाव लड़वाने की चर्चा चल रही है।
– सतीश पूनिया आमेर से एक बार विधायक बने और पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया। संगठन का लम्बा अनुभव है, लेकिन इस बार चुनाव हार गए। अब उनको अजमेर लोकसभा या चूरू लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाने की चर्चा है।
जनता के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार के बड़े कदम से इस बेहद जरूरी चीज के दामों में आई जबरदस्त गिरावट
राजे के नाम की चर्चा, लेकिन निर्णय नहीं
प्रदेश में भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया है। दो बार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को इस बार सीएम नहीं बनाया गया है। वे झालरापाटन विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आई हैं। पार्टी में उनकी क्या नई भूमिका होगी? इसे लेकर अलग-अलग तरह की चर्चाए हैं। इस बात की चर्चा सबसे ज्यादा है कि उनको लोकसभा का चुनाव लड़वाया जा सकता है। हालांकि, अभी सिर्फ यह चर्चा ही है। इस पर निर्णय पार्टी आलाकमान को ही करना है।