Krishna Janmashtami 2024: हवाई गर्जनाओं के बीच आज जन्मेंगे कृष्ण कन्हैया, द्वापरकालीन समय के चार शुभ योग में मनेगा पर्व
Happy Janmashtami 2024: आज मध्यरात्रि हवाई गर्जनाओं के बीच कान्हा प्रगट होंगे। जयपुर में कई जगह मुंबई की तर्ज पर दही हांडी प्रतियोगित के कार्यक्रम होंगे।
Krishna Janmashtami 2024: जयपुर। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अनेक विशेष योग-संयोग रहेंगे। द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ था, उस समय जो शुभ योग थे, उसमें कई योग इस बार भी है। पर्व की पूर्व संध्या पर रविवार को छोटे-बड़े देवालयों, मठ-मंदिरों में साज सज्जा से लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। हर मंदिर को बांदरवाल से सजाकर पलना झांकी सजाई जार रही है। सोमवार को मध्यरात्रि में हवाई गर्जनाओं के बीच कान्हा प्रगटने के साथ ही समूचे शहर में उल्लास छाएगा।
लड्डू गोपाल को पलना में बैठाकर श्रद्धालु भक्ति भाव से झुलाएंगे। मध्य रात्रि बारह बजे तक कृष्ण भजनों की स्वर लहरियों के बाद ठीक बारह बजे शंख-घंटा-घडियाल बजाकर कृष्ण जी का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के जयकारों के साथ श्रद्धालु कान्हा के प्रकट होने का उत्सव मनाएंगे। शहर की कई अपार्टमेंटस में मुंबई की तर्ज पर दही हांडी प्रतियोगित के कार्यक्रम होंगे। सीकररोड, मानसरोवर, सिरसी सहित अन्य जगहों पर कार्यक्रम होंगे।
शहर का मुख्य आयोजन ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में होगा। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी सुबह मंगला झांकी पूर्व पंचामृत अभिषेक होगा। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत वस्त्र (पीले) धारण करवाए जाएंगे एवं विशेष अलंकार धारण कराए जाएंगे।
मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था प्रारंभ
मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था प्रारंभ हो जाएगी। पास धारक, आमजन प्रवेश बिना जूता चप्पल, आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई है। जो लोग जलेबी चौक से आएंगे उनका निकास जय निवास बाग पूर्वी गेट से होगा। जो दर्शनार्थ ब्रह्मपुरी, कंवर नगर की ओर से आएंगे वे चिंताहरण हनुमान जी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से निकास करेंगे।
रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी
रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी होगी एवं विशेष रंगीन आतिशबाजी की जाएगी। रात्रि 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुलेंगे। इसमें छह पंडित वेद पाठ करेंगे। श्री शालिग्राम पूजन एवं पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इससे पूर्व रात्रि 10 से 11 बजे तक गोविंद जी मिश्र श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे।
पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी मंदिर में महंत सिद्धार्थ गोस्वामी के सान्निध्य में जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाएगा। चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर और रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर में बालस्वरूप होने के कारण दोपहर में भगवान कृष्ण का जन्माभिषेक होगा। नाहरगढ़ पहाड़ी स्थित चरण मंदिर में भी दोपहर बारह बजे ही उत्सव मनाया जाएगा।
वैशालीनगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में विशेष झांकी के साथ भगवान का श्रृंगार किया जाएगा। गिरिधारी दाऊजी इस्कॉन मंदिर में राधा मदन मोहन, गिरधारी दाउजी, भगवान चैतन्य महाप्रभु, नित्यानंद महाप्रभु का अभिषेक और श्रृंगार होगा। जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में भगवान का चंदन के तेल, फलों के साथ ही पंचामृत अभिषेक होगा। वहीं 51 तरह के पदार्थों, जड़ी बूटियों से भगवान का अभिषेक होगा।