अधिकारियों का कहना है कि अब भी 110 फीट और खुदाई बाकी है, मिट्टी हटाने के बाद फिर से खुदाई शुरू की जाएगी। लेकिन देखा जा रहा है कि अभी तक के सभी जुगाड़ फैल नजर आ रहे हैं, इससे परिजनों में हताशा का माहौल देखा जा रहा है।
एसडीएम बृजेश कुमार ने बताया कि बच्ची की स्थिति फिलहाल स्थिर है। उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार की जा रही है। लेकिन परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण और प्रशासन मिलकर बच्ची के सकुशल बाहर आने की प्रार्थना कर रहे हैं।
क्या है रेस्क्यू प्लान?
बताया जा रहा है कि रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन को दो हिस्सों में बांटा है: प्लान A: बोरवेल में फंसी बच्ची को देसी जुगाड़ और हुक के माध्यम से खींचकर बाहर लाने की कोशिश की गई। चार बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली।
प्लान B: अब बोरवेल के समानांतर खुदाई की जा रही है। फरीदाबाद से मंगाई गई पाइलिंग मशीन के जरिए 150 फीट तक खुदाई की जाएगी। लेकिन प्लान बी के तहत अभी पायलिंग मशीन से खुदाई का कार्य रुका हुआ है। इसके बाद सुरंग बनाकर बच्ची तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा।
रेस्क्यू की वर्तमान स्थिति
एनडीआरएफ इंचार्ज योगेश मीणा ने बताया कि बच्ची की आखिरी स्थिति 155 फीट की गहराई पर देखी गई थी। टीम अब 160 फीट तक खुदाई करेगी और वहां से सुरंग बनाकर बच्ची को सुरक्षित बाहर लाने की योजना है। बच्ची को फिलहाल जे-शेप हुक से बोरवेल में सुरक्षित स्थिति में रखा गया है।
पुलिस ने किया हल्का बल प्रयोग
घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही थी। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित किया। प्रशासन की अपील है कि लोग संयम बनाए रखें और टीम को अपना काम करने दें।
ऑपरेशन को तेजी से पूरा करने का प्रयास
टीम ने बोरवेल के चारों ओर मिट्टी का परीक्षण कर खुदाई शुरू की है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ऑपरेशन को तेजी से पूरा करने में जुटी है। एनडीआरएफ के मुताबिक, यह प्रक्रिया बेहद सावधानी और सुरक्षा के साथ की जा रही है, ताकि बच्ची को किसी भी तरह की चोट न पहुंचे।