इससे पहले जवानों ने बोरवेल के आसपास फिनायल का छिड़काव किया। साथ ही कपूर भी जलाया। मौके पर मौजूद जवानों ने मास्क भी पहने। ऐसे में चेतना के मरने की आशंका बढ़ गई है। चेतना 9 दिन से भूखी प्यासी और कोई मूवमेंट नहीं कर रही थी।
अस्पताल वाले रास्ते को कराया क्लियर
प्रशासन और मेडिकल विभाग की टीमें अलर्ट मोड पर हैं। मौके पर एंबुलेंस को तैयार रखा गया है। कोटपूतली के बीडीएम अस्पताल तक पहुंचने वाले रास्ते को क्लियर करवाया गया है। ताकि बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया जा सके। बोरवेल के आसपास फिनायल डाला
बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे रेस्क्यू टीम के जवानों ने बोरवेल के आसपास फिनायल और कपूर डाला। इसके साथ ही राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल में हलचल बढ़ गई। मौके पर पुलिस जाप्ता भी तैनात किया गया है।
कलक्टर का दावा-मिल गई चेतना की लोकेशन
इससे पहले आज सुबह जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने दावा किया था कि बोरवेल के अंदर टीम को चेतना की लोकेशन मिल गई है। उसे कुछ देर में बोरवेल से बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद प्रशासन तैयारियों में जुट गया। प्रदेश के सबसे बड़ा रेस्क्यू
बता दें कि चेतना 23 दिसंबर को दोपहर दो बजे खेलते समय अचानक बोरवेल में गिर गई थी। ऐसे पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब 215 घंटे लगे। हालांकि, कई कारणों से रेस्क्यू में बाधा आई और जिसके कारण रेस्क्यू में देरी हुई। कलक्टर की मानें तो ये इस साल प्रदेश के सबसे बड़ा रेस्क्यू है।