उन्होंने बताया कि खरमास साल में दो बार आता है। अगले वर्ष मई-जून में विवाह के मुहूर्त नहीं रहेंगे। इन दोनों माह में शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण लोगों को विवाह मुहूर्त के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ेगा।
ग्रहजनित दोषों के निवारण के लिए पूजा-पाठ
हिमानी ने बताया कि मलमास में ग्रहजनित दोषों के निवारण के लिए पूजा तथा दान किया जा सकेगा। अशुभ ग्रहों के फल को टालने के लिए उन ग्रहों की कारक वस्तुओं का दान दिया जाना चाहिए। जरूरतमंद रोगियों को दवा का दान एवं भूखों को भोजन से अनंत पुण्य की प्राप्ति होगी।