मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व ज्यादा परेशान है। सोनिया ( Sonia Gandhi ) और राहुल गांधी की गुरूवार को संसद भवन में कांग्रेस कार्यालय में हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में इसे लेकर चिंता जताई गई थी। इसके बाद सोनिया और राहुल ने कर्नाटक और गोवा में विधायकों की खरीद फरोख्त के विरोध में प्रदर्शन किया था। मध्य प्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह लगातार अपने विधायकों से संपर्क बनाए हुए है। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता जब कर्नाटक का मुद्दा उठा रहे थे तो उन्होंने मध्य प्रदेश की सरकार को लेकर भाजपा के खतरे के बारे में चिंता भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि आज कर्नाटक में विधायकों का इस्तीफा हो रहा है कल मध्य प्रदेश में हो सकता है। लोकसभा चुनाव में 300 से ज्यादा सांसदों के जीतने के बाद भी भाजपा की सत्ता की भूख खत्म नहीं हो रही है।
पार्टी के शीर्ष नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकार और संगठन के नेतृत्व को अपने आपसी झगड़े सुलझाकर सरकार को मजबूत करने के लिए कहा गया है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच आपसी मतभेद की स्थिति बनी हुई है। वहीं राजस्थान में भी गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच बयानबाजी को लेकर केंद्रीय नेतृत्व चिंतित है और इसलिए सभी पक्षों को एकजुट होकर रहने की सलाह दी है। राजस्थान कांग्रेस में आपसी खींचतान फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है। खेमों में बंटी कांग्रेस के नेता अपने पसंदीदा नेता के पक्ष में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। पहले अशोक गहलोत ने लगातार दो दिन तक कहा कि चुनाव में हर गांव-ढाणी से आवाज थी, गहलोत मुख्यमंत्री हों, और कोई नहीं। अब बसपा विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने उनसे सुर मिलाया है।
गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा से बाहर दिए बयान में कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री तो राजस्थान की मिट्टी का ही होना चाहिए। ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला और विधायक भंवरलाल शर्मा ने भी हाथों-हाथ इस बयान का समर्थन कर दिया। हालांकि बसपा के प्रदेश प्रभारी धर्मवीर अशोक ने गुढ़ा के बयान से किनारा कर लिया। बोले, हमने कांग्रेस को समर्थन दिया है, व्यक्ति विशेष को नहीं। मुख्यमंत्री कौन है, यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है। उधर, भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी, कालीचरण सराफ और अशोक लाहोटी ने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस सरकार अब दो महीने से ज्यादा नहीं टिकेगी। भाजपा के पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों ने जल्दी ही मध्यावधि चुनाव होने का दावा किया है। जबकि निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर और रामकेश मीणा ने कहा कि भाजपा के दावे हवाई हैं। सदन में कांग्रेस मजबूत है।