Captain Amit Bhardwaj: कारगिल के युद्ध में गोलियां लगने के बावजूद पाकिस्तानी घुसपेटियों को पीठ दिखाने के बजाए उनसे लौहा लिया ऐसे थे, ऐसे थे जयपुर के जांबाज लेफ्टिनेंट ‘अमित भारद्वाज‘।
जयपुर•Jan 25, 2024 / 09:40 am•
Akshita Deora
राजस्थान की माटी में जन्मे जयपुर से थे अमित भारद्वाज
कारगिल के युद्ध में गोलियां लगने के बावजूद पाकिस्तानी घुसपेटियों को पीठ दिखाने के बजाए उनसे लौहा लिया ऐसे थे जांबाज लेफ्टिनेंट ‘अमित भारद्वाज‘
27 वर्षीय राजस्थान का ये जांबाज सपूत दुश्मनों को पीठ दिखाने के बजाए उनसे लौहा लेते हुए शहीद हो गया और पूरे देश को गोरान्वित कर गया
लेफ्टिनेंट अमित कारगिल सेक्टर में बजरंग चौकी के निकट शहीद हुए थे और वह क्षेत्र पाकिस्तानी घुसपेटियों के कब्ज में रहा और लेफ्टिनेंट अमित का शव साठ दिनों तक पहाड़ों पर पड़ा रहा
लेफ्टिनेंट अमित कारगिल सेक्टर में बजरंग चौकी के निकट शहीद हुए थे और वह क्षेत्र पाकिस्तानी घुसपेटियों के कब्ज में रहा और लेफ्टिनेंट अमित का शव 60 दिनों तक पहाड़ों पर पड़ा रहा
देश के लिए न्योछावर किये प्राण, घरवाले आखिरी बार भी नहीं देख पाए चेहरा, चमड़ी गलने से ताबूत सहित जलानी पड़ी चिता
के मां-बाप और परिवार के अन्य सदस्य अपने लाड़ले ‘अन्नू‘ का आखिरी बार चेहरा भी नहीं देख पाए। ताबूत खोले बिना ही सभी धार्मिक क्रियाएं निपटाई। चिता पर भी इस सपूत का शव ताबूत सहित ही रखा गया और अंतिम विदाई दी गई
अमित को फोटोग्राफी का बहुत शौक था। उनके पास अपने खींचे फोटो के 15 एलबम थे
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