तकनीक के साथ यह भी बदलाव
1. एक पूर्णकालिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की नियुक्ति ।
2. राडार इमेज के लिए राइसेट लांच और यूएवी तैनात।
3. केंद्रीय इलेक्ट्रानिक इंटेलीजेंस एजेंसी एनटीआरओ का गठन।
4. तीनों सेनाओं की रक्षा इंटेलीजेंस एजेंसी का गठन।
5. सेनाओं में अधिकारियों की उम्र को घटाया।
6. युद्धक नीतियों के अध्ययन के 6 लिए केंद्रीय संस्थान का गठन।
7. तीनों सेनाओं के समन्वय के लिए आइडीएस का गठन।
8. नागरिकों के लिए पहचान-पत्र जरूरी।
जय हिन्द की सेना… कारगिल युद्ध में किस तरह इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान को खदेड़ा, जानें अपना गौरवमयी इतिहास
चरवाहे ने दी थी पहली सूचना… 3 मई 1999 को चरवाहे ने सेना को करगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ की सूचना दी। इसके बाद भारतीय सेना ने कार्रवाई शुरू की। 26 जुलाई को करगिल युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों के पूर्ण निष्कासन की घोषणा की।
बेहतर हुई स्थिति 1999- 2023
तकनीक
1999- सेना का मूलभूत हथियार इंसास थी। बर्फबारी में जाम हो जाती थी। कंधे से दागी जाने वाली मिसाइल से एमआइ- 17 मार गिराया था।
2023- हमारे पास सिग सोर जैसी अत्याधुनिक जर्मन राइफल है। एके-203 बना रहे हैं। एमएडब्ल्यूएस सिस्टम मिसाइल प्रोटेक्शन देता है।
संसाधन
1999- नाइट विजन, थर्मल इमेजर की संख्या न के बराबर थी। बोफोर्स का सही गोला दागने के लिए कंपास भी उपलब्ध नहीं था।
2023- एस-400 जैसे मिसाइल प्रोटेक्टिव सिस्टम हैं। रफाल व अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे है। सामान लाने-ले जाने के लिए चिनूक है।
सुविधा
1999- कपड़े, भोजन की बात हो या बंकर की. सैनिकों को दिक्कतों का सामना करना होता था। कम सुविधाओं में काम चलाना होता था।
2023- हर मौसम को झेलने वाले कपड़े और पैक्ड फूड है। सुविधाओं युक्त बंकर हैं। युवा अधिकारी ड्रोन और एटीवी का बेहतरीन प्रयोग कर रहे हैं।
सर्विलांस और समन्वय
1999 – तब इसका ही पता नहीं लग पा रहा था कि घुसपैठियों ने कहां तक घुसपैठ की है। मेडिकल सुविधाओं व इंटेलीजेंस समन्वय का भी अभाव था।
2023- सेना को रीयल टाइम अपडेट मिल रहा है। सेनाओं में समन्वय के लिए सीडीएस की तैनाती की। थिएटरिंग शुरू हो गई है। इंटेलीजेंस बढ़ा है।