गहलोत सरकार के खिलाफ फिर मोर्चा खोलेंगे सरकारी कर्मचारी…!
50 लाख का मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति की भी मांग
दरअसल, कर्मचारियों ने आंदोलन में कई मांगें रखी थी। इनमें पहली मांग न्यायिक अधिकारी के खिलाफ नामजद हत्या की एफआईआर दर्ज करना था। यह मांग कर्मचारियों की पूरी हो चुकी है। लेकिन, अभी तक 50 लाख रूपए का मुआवजा और सुभाष मेहरा के एक परिजन को अनुंकपा नियुक्ति देने की मांग पूरी नहीं हुई है। ना ही इन दोनों मांगों पर कोई लिखित सहमति बनी हैं। वहीं, अब कर्मचारियों की छुट्टियों के समायोजन की भी मांग उठने लगी है।
करीब 20 लाख मुकदमों में सुनवाई प्रभावित
बता दें कि जयपुर शहर की अधीनस्थ अदालतों में 18 नवंबर से और प्रदेश की सभी अधीनस्थ अदालतों में कर्मचारियों का सामूहिक कार्य बहिष्कार 30 नवंबर से लगातार जारी है। ऐसे में अब तक करीब 20 लाख मुकदमों की सुनवाई प्रभावित हो चुकी है। जेल में बंद मुल्जिमों की जमानत अटकने से जेल में भी कैदियों की संख्या बढ़ने लगी है।