अपनी किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के संदर्भ से होती है, जो भारत में जन्मे थे। फिर पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर वे भारत आए। किताब में उनसे सवाल था कि क्या उनके पास अपना बर्थ सर्टिफिकेट है। हालांकि, बाद में प्रकाशक ने इसे काट दिया। लेकिन कुछ महीनों के बाद दिल्ली नगर निगम ने उनका बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। फिर मैं मंत्री के तौर पर लाहौर गया तो स्थानीय मेयर ने बताया कि उन्होंने अपने सारे रेकॉर्ड्स को डिजिटलाइज कर लिया है। तब मेरा सवाल था कि क्या वर्ष 1941 के रेकॉर्ड को भी डिजिटलाइज किया गया है। तो जबाव मिला हां। मैंने दोबारा पूछा कि क्या अप्रेल, 1941 के रेकॉर्ड को भी डिजिटलाइज किया गया है। फिर मैंने अपनी जन्म तिथि 10 अप्रेल, 1941 के बारे में पूछ लिया। अगली सुबह मेरे हाथ में एक लिफाफा था, जिसमें मेरा बर्थ सर्टिफिकेट था। जहां दिल्ली ने परवेज मुशर्रफ के सर्टिफिकेट में महीनों लगा दिए थे। लाहौर ने एक रात में मेरा बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया।
सोनिया गांधी ने दी थी किताब लिखने की सलाह
किताब लिखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी सलाह मुझे सोनिया गांधी ने दी थी। उस समय मुझे लग गया कि अब उनके पास मेरे लिए राजनीति करने का कोई प्लान नहीं बचा है। हालांकि, फिर भी मुझे अपनी जीवनी की शुरुआत करने में पांच साल का समय लग गया। कोविड के दौरान शुरुआत की गई। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर अय्यर ने कहा कि वे एक ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्हें सबसे ज्यादा गलत समझा गया।
बोफोर्स पर कोर्ट की ओर से कहा गया कि 16 साल की जांच के बाद भी सीबीआई सुबूत पेश नहीं कर पाई। फिर भी उन्हें दोषी ठहराया गया। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से राजीव गांधी की हत्या देश के लिए सबसे बड़ी त्रासदी है। अगर आज वह जिंदा होते तो ऐसी राजनीति नहीं होती। तब की राजनीति नेक थी। आज की राजनीति नापाक है।
मेरे जन्म की तारीख ज्योतिषियों को भी करती रही भ्रमित
पूर्व मंत्री ने कहा कि जब मैंने बर्थ सर्टिफिकेट देखा था तो उस पर जन्म की तारीख नौ अप्रेल थी। अपनी मां की बात का जिक्र करते हुए अय्यर ने कहा कि वो हमेश अक्सर कहा करती थीं कि मेरा जन्म रात के 12.24 बजे हुआ था। मां को मेरे जन्म के समय नौ तारीख को अस्पताल ले जाया गया था। इस तरह मेरी बर्थ डेट सर्टिफिकेट पर नौ ही रह गई। लेकिन असल में तारीख 10 है, जो अक्सर ज्योतिषियों को भी भ्रमित करती है।
हम सब एक हैं
अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान में प्रगति तभी होती है जब वहां सैन्य तानाशाह होता है। क्योंकि वह स्थिर सरकार प्रदान करते हैं, जबकि नागरिक सरकार वहां पूरी तरह से अस्थिर होती है। हालांकि, पाकिस्तान में तानाशाही स्थानीय लोगों के लिए भयानक है। हमारे लिए बहुत अच्छी है। इसलिए मैं ईमानदारी से चाहता हूं कि पाकिस्तानियों के साथ लगातार बातचीत होती रहनी चाहिए। क्योंकि वास्तव में वे हम में से एक थे। भले ही आज न हों। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए बैक चैनल चर्चा की शुरुआत जरूर की थी।