scriptJLF 2024 : आईपीएल और प्राइवेट प्रीमियर लीग सट्टेबाजी का अड्डा, आईपीएल न देखें तो अच्छा | JLF 2024 session IPS Neeraj Kumar, former Commissioner of Delhi Police in Delhi Police, exposed dishonesty in sports, especially IPL | Patrika News
जयपुर

JLF 2024 : आईपीएल और प्राइवेट प्रीमियर लीग सट्टेबाजी का अड्डा, आईपीएल न देखें तो अच्छा

JLF 2024 : आईपीएल में खोखों(करोड़ों) और पेटी(लाखों) में सट्टेबाजी को लेकर डील होती है। यहां कि प्राइवेट प्रीमियर लीग्स सट्टेबाजी के लिए होती हैं। शुरुआत में जब आईपीएल में सट्टेबाजी के तार दुबई में बैठे दाऊद इब्राहिम से भी जुड़े पाए गए थे।

जयपुरFeb 06, 2024 / 09:49 am

Kirti Verma

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JLF 2024 : आईपीएल में खोखों(करोड़ों) और पेटी(लाखों) में सट्टेबाजी को लेकर डील होती है। यहां कि प्राइवेट प्रीमियर लीग्स सट्टेबाजी के लिए होती हैं। शुरुआत में जब आईपीएल में सट्टेबाजी के तार दुबई में बैठे दाऊद इब्राहिम से भी जुड़े पाए गए थे। जब मैं पूरे देश को आईपीएल के उन्माद में देखता हूं तो दुख होता है क्योंकि मैं जानता हूं कि इसके पीछे क्या है। दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर और बीसीसीआई की एंटी करप्शन यूनिट में सलाहकार के तौर पर काम कर रहे आईपीएस नीरज कुमार ने सेशन दिल्ली पुलिस खेलों खासकर क्रिकेट में होने वाले बेईमानी को सिरे से उजागर किया। उनका कहना था कि अगर भारत में सट्टेबाजी को वैध भी कर दिया जाए तो भी खास फर्क पड़ने वाला नहीं क्योंकि इसमें सारा काला धन लगा होता है। अ कॉप इन क्रिकेट किताब के लेखक नीरज का कहना था कि आईपीएल-6 के बाद जब श्रीसंत और दो अन्य क्रिकेटरों को सट्टेबाजी में लिप्त पाया गया था तो 2013 में स्पोर्ट्स इंटेग्रिटी बिल लाने की कोशिश की गई लेकिन बीसीसीआई ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई।

 


कसाब और याकूब मेनन को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वालीं मुंबई कैडर की पूर्व आईपीएस मीरा चड्ढा बोरवांकर का कहना था कि जब तक पुलिस फोर्स में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं नहीं आएंगी, पुलिस की छवि सुधरने वाली नहीं। उन्होंने कहा कि वह 1981 में 70 ऑफिसर के बैच में अकेली महिला थीं और सारे पुरुष ऑफिसर उन्हें देखकर गो बैक-गो बैक कहते थे। मैडम कमिश्नर की लेखक मीरां ने बताया कि जब मुंबई में डीसीपी थीं तो कमाटीपुरा में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई थी, जब उन्हें वहां भेजा गया तो कमिश्नर ने ताना मारते हुए कहा कि तुम्हें भेजा गया मेरी मदद को। वहीं एक बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जिले में उनकी पोस्टिंग को लेकर टिप्पणी की थी कि मुंबई में मीरां की मदद के लिए हम हैं, लेकिन जिले में उसकी मदद कौन करेगा। मीरां का कहना था कि महिला ऑफिसर होने के नाते उन्हें अपने आपको साबित करने में काफी मेहनत करनी पड़ी।
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मीरां का कहना था कि जब वह यरवदा जेल में तैनात थीं तो संजय दत्त वहीं थे। हमने उन्हें एक आम कैदी की तरह रखा क्योंकि कानून की नजर में कोई सेलिब्रेटी नहीं है, वहीं उन पर बनी फिल्म मर्दानी के बारे में मिलने के लिए रानी मुखर्जी पहुंची तो उन्होंने तोहफे में महिला कैदियों के लिए ईसीजी मशीन मांगी।

 


सेशन में खाकी द ब्रोकन विंग्स के लेखक और पूर्व आईपीएस अमोद के कांत का कहना था कि जेसिका लाल हत्याकांड और संजीव नंदा के हिट एंड रन केस में पुलिस ने तुरंत तहकीकात करके आरोपियों को पकड़ा। हालांकि दोनों ही मामलों में आरोपी संजीव नंदा और मनु शर्मा सेशन कोर्ट से बरी हो गए लेकिन बाद में दोनों को सजा मिली, जो बतौर पुलिस ऑफिसर उन्हें काफी संतुष्टि देता है। इसी तरह से चार्ल्स शोभराज को पकड़ने में भी उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ी, लेकिन मजा बहुत आया। उन्होंंने कहा कि हर किसी को याद रखना चाहिए कि आखिर में सच की जीत होती है।

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