दरअसल जैसलमेर जिले का रहने वाला शख्स किशन राज है जो वहां पर भील बस्ती में रहता है। किशन राज पाक विस्थापित है और वह सात साल की उम्र में राजस्थान आ गया था। परिवार समेत जैलसमेर में रह रहे किशन राज को भारत की नागरिकता भी मिल गई है। उसने ही डाबी को लेकर पुस्तक लिखी है। कवर पेज पर डाबी को जगह दी गई है। पुस्तक में किशन राज ने खुद का और खुद के जैसे कई पाक विस्थापित लोगों की दर्द भरी कहानी लिखी है।
कहा अगर टीना डाबी मैडम नहीं होती तो…..
लेकिन किशन राज ने अपनी किताब में बताया है कि उसे और उसके परिवार को, एवं उसके जैसे कई लोगों को पाकिस्तान में कितनी कठिनाई हुई। इस किताब में उसने पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार के बारे में भी लिखा है। पुस्तक में अफसर डाबी का आभार जताया गया है। उसने कहा कि 2023 में जब चालीस पाक विस्थापित परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाए गए थे तो कलक्टर डाबी ही थीं जिनके कारण फिर से जमीन मिल सकीं और वे लोग फिर से आबाद हो सके। डाबी उस समय जैसलमेर में कलक्टर थीं।