सूचना पर डीसीपी (पूर्व) तेजस्विनी गौतम, एडिशनल डीसीपी आशाराम चौधरी सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। सूचना पर सिविल डिफेंस टीम ने टंकी के नीचे चारों तरफ जाल लगाया। टंकी पर चढ़ने वाला लादूराम गोदारा नागौर और विकास विधूड़ी
टोंक निवासी है। दोनों युवकों ने टंकी से एक बैनर भी लटकाया। उसमें लिखा था कि एसआइ भर्ती रद्द क्यों नहीं की गई।
बैनर पर लिखा है…
-आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा ने परीक्षा से एक माह पहले ही पेपर आयोग के सदस्यों को बांट दिया था। -सब कुछ साफ हो चुका है, प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं की संलिप्तता उजागर हो चुकी है। इन्हें आखिर कब तक बचाया जाएगा। -पेपर लीक के मुख्य आरोपी यूनिक भांबू और सुरेश ढाका की गिरफ्तारी न होने के बावजूद 13 से अधिक एफआइआर, 50 ट्रेनी थानेदारों सहित कुल 160 गिरफ्तारियां।
मोबाइल पर की बात
डीसीपी तेजस्विनी गौतम से मोबाइल पर हुई वार्ता में दोनों युवकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन देने की बात कही। इस पर डीसीपी ने उन्हें साथ चलने को कहा, लेकिन वे नीचे नहीं उतरे। युवकों का कहना था कि सभी जांच एजेंसियां परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश कर रही हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक परीक्षा को रद्द नहीं किया है। देर रात तक दोनों टंकी से नीचे नहीं उतरे।
दूसरे पक्ष ने दिया था धरना
एसआइ भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों के परिजन ने पिछले दिनों परीक्षा रद्द नहीं करने की मांग को लेकर धरना भी दिया था। परिजन का कहना था कि जिन्होंने मेहनत से परीक्षा पास की है, उनके साथ अन्याय होगा।