रामचरितमानस (Ramcharitmanas) प्रसंग सहित यात्रा में शामिल 35 झांकियों के जरिए श्रद्धालुओं ने भगवान राम की जीवनी को जाना। यात्रा मार्ग में देशभक्ति की झलक देखने को मिली। सर्व समाज ङ्क्षहदू महासभा के संस्थापक चंद्र प्रकाश अग्रवाल भाड़ेवाला ने बताया कि महासभा की ओर से ध्वज बांटे गए। समाज के सभी वर्गों के लोगों के शामिल होने से शोभायात्रा समरसता की मिसाल बन गई।
शिवजी ने डमरू पर किया नृत्य
शोभायात्रा में प्राचीन देवालयों के साथ ही मां वैष्णोदेवी, जीण माता व खाटूश्याम जी के स्वरूप की झांकियां। वहीं, दस स्वचलित झांकियों में डमरू पर नृत्य करते हुए शिवजी, केवट प्रसंग, पालने में रामनाम, झूला झांकी, वृंदावन के चार स्वरूप राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न स्वरूप की धनुष बाण धारण की झांकी। यात्रा छह किमी. की दूरी तय कर चांदपोल बाजार स्थित रामंचद्र मंदिर पहुंची।
कौमी एकता की मिसाल
जगह-जगह विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारियों ने पुष्पवर्षा की। रामगंज में मुस्लिमजनों ने भी पुष्पवर्षा कर कौमी एकता की मिसाल पेश की। त्रिवेणी धाम के संत रामरिछपाल दास, महंत अलबेली माधुरीशरण, महंत गोपालदास व पं.योगेश शर्मा सहित अन्य संत-महंत उपस्थित थे।
रामनवमी पर गुरुवार को रामकृष्ण जयंती महोत्सव समिति ट्रस्ट की ओर से सूरजपोल, अनाज मंडी से रवाना हुई शोभायात्रा में ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
रामचरितमानस (Ramcharitmanas) प्रसंग सहित यात्रा में शामिल 35 झांकियों के जरिए श्रद्धालुओं ने भगवान राम की जीवनी को जाना। यात्रा मार्ग में देशभक्ति की झलक देखने को मिली।शोभायात्रा में प्राचीन देवालयों के साथ ही मां वैष्णोदेवी, जीण माता व खाटूश्याम जी के स्वरूप की झांकियां। वहीं, दस स्वचलित झांकियों में डमरू पर नृत्य करते हुए शिवजी, केवट प्रसंग, पालने में रामनाम, झूला झांकी, वृंदावन के चार स्वरूप राम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न स्वरूप की धनुष बाण धारण की झांकी।
जगह-जगह विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारियों ने पुष्पवर्षा की। रामगंज में मुस्लिमजनों ने भी पुष्पवर्षा कर कौमी एकता की मिसाल पेश की।
त्रिवेणी धाम के संत रामरिछपाल दास, महंत अलबेली माधुरीशरण, महंत गोपालदास व पं.योगेश शर्मा सहित अन्य संत-महंत उपस्थित थे।