पार्थ ने बताया- मैं सुबह 10 बजे एलन इंस्टीट्यूट जाता था और रात 10 बजे तक वहीं रहता था। वहां फैकल्टीज का बहुत सपोर्ट मिला। मैं पढ़ाई घड़ी देखकर नहीं करता। लगता था कि किसी टॉपिक को पढ़े हुए टाइम हो गया तो उसे ही पढ़ने लग जाता था। दोस्तों से बात करके रिफ्रेश हो जाता हूं। कभी सब्जेक्ट की बातें तो कभी हंसी-मजाक मुझे रिचार्ज कर देते हैं। उन्होंने कहा कि मैं एनटीएसई स्कॉलर रहा हूं, स्टेज-1 ओवरऑल 33 वीं रैंक प्राप्त की। एसटीएसई स्टेज-2 में रैंक-1 प्राप्त की। बायोलॉजी मेरी स्ट्रॉन्ग है, इसलिए नीट देने का मन बनाया। मैं अपनी विफलता से प्रेरित होता हूं। एक एग्जाम में मेरी पर्सेंटेज कम आई। सबसे लो स्कोर होने के बाद मैंने और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया और इसके बाद कभी स्कोर कम नहीं आने दिया। मैं दिल्ली एम्स से एमबीबीएस करना चाहता हूं। इसके बाद न्यूरो या कार्डियोलॉजी में जाना चाहता हूं। बता दें कि नीट-यूजी में देशभर में कुल 20.38 लाख स्टूडेंट्स में से 11.45 लाख स्टूडेंट्स क्वालिफाई हुए हैं। यूपी से 1.39 लाख, महाराष्ट्र से 1.31 लाख और राजस्थान से 1 लाख से अधिक स्टूडेंट्स क्वालिफाई हुए हैं।