पहला चक्कर : पहले 20 सेकंड में पद्माभ ने पहला गोल किया इसके बाद तीसरे मिनट में गौरव ने गोल कर कृष्णा को फिर आगे किया, छठे और सातवें मिनट में अशोक चांदना ने दो गोल कर अचीवर्स को फिर से आगे किया।
दूसरा चक्कर : डेनियर ओटमंडी ने 40वें सेकंड में 60 गज पेनल्टी से गोल दागा और पद्मनाभ ने तीसरे मिनट में गोल कर अचीवर्स को आगे रखा। चौथे मिनट में अश्विनी ने गोल कर कृष्णा के खाते में एक और गोल जोड़ा लेकिन अंतिम मिनट में पद्मनाभ ने एक और गोल कर अचीवर्स को फिर आगे रखा।
तीसरे चक्कर में दोनों टीम कोई गोल नहीं कर सकी।
चौथा चक्कर : अश्विनी और रवि राठौड़ ने छठे मिनट में गोल किए लेकिन कृष्णा पोलो को जीत नहीं दिला सके।
बिरला कप में सर्वाधिक गोल पद्मनाभ सिंह के नाम रहे उन्होंने कुल 8 गोल किए और उनकी पौनी टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ट रही। दूसरे नंबर पर सात गोल के साथ डेनियल ओटमंडी और वंदित गोलछा रहे। इसके अलावा समीर सुहाग, अशोक चांदना ने 6-6 गोल किए। मैच में विशाल सिंह ओर डेनियल ने एक-एक तिकड़ी भी लगाई। इस टूर्नामेंट में कुल छह टीमों ने भाग लिया था।