ऐसा ही एक जर्जर मकान चांदपोल बाजार स्थित खेजड़ों का रास्ता में है। मकान में रहने वाले लोग इसे दो वर्ष पहले खाली करके जा चुके हैं। जर्जर मकान के ऊपर निगम ने नोटिस के साथ एक सूचना भी लिख दी कि ‘मकान खतरनाक गिराऊ स्थित में है। कृपया दूरी बनाकर रखें।’
ऐसे मकानों के आस-पास रहने वाले लोग डरे हुए हैं। बरसात के दिनों में तो कई बार मकान की दीवारें क्षतिग्रस्त होकर पड़ोसी की छत पर आ गिरती हैं। कांटियों की पीपली में बरसात में ऐसा ही एक मकान ढह गया था। गणगौरी बाजार, रामगंज, सुभाष चौक, नाहरगढ़ रोड पर कई जर्जर मकान हैं।
ये कहता नियम
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 के तहत मकान में रहने वाले लोगों को सूचित किया जाता है कि उक्त मकान रहने लायक नहीं है। इसको खाली कर गिरवा दें या फिर मरम्मत कर सुरक्षित कर लें। मकान मालिक द्वारा मकान ध्वस्त नहीं किए जाने की स्थिति में निगम की टीम को ध्वस्त करने का अधिकार है। इसमें होने वाला खर्चा भवन स्वामी से वसूला जाएगा।
यहां ये हुआ जोन बदलने से इस मकान की फाइल अटक गई। पहले यह मकान हवामहल जोन पश्चिम में आता था। उस समय नोटिस देने के अलावा इसको ध्वस्त करने की कार्रवाई हुई। इस दौरान परकोटा हैरिटेज नगर निगम में चला गया और चांदपोल बाजार किशनपोल जोन में आ गया। ऐसे में कार्रवाई अटक गई।